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यातायात नियमों की जानकारी देने वाला ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क लावारिस

तरनतारन : सड़क हादसों में कमी लाने लिए यातायात नियमों का पालन जरूरी है। लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बनाया गया ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क लावारिस हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 12:28 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 12:28 AM (IST)
यातायात नियमों की जानकारी देने वाला ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क लावारिस
यातायात नियमों की जानकारी देने वाला ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क लावारिस

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : सड़क हादसों में कमी लाने लिए यातायात नियमों का पालन जरूरी है। लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बनाया गया ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क लावारिस हो चुका है।

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समाज सेवी जगीर सिंह संधू द्वारा अपने गांव ठट्ठिया महंता की पंचायत की मदद से नेशनल हाईवे के किनारे ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क का निर्माण करवाया था। इस पार्क में जिले के सभी स्कूली बच्चों को यातायात नियमों से अवगत करवाने लिए उनको ट्रेनिंग दी जानी थी। प्रोजेक्ट को मुकम्मल करने लिए पुलिस और सिविल प्रशासन ने एडी चोटी का जोर लगाया था। प्रोजेक्ट मुकम्मल हुआ तो 26 फरवरी 2006 को केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जैसवाल ने गांव ठट्ठिया महंता पहुंच कर ट्रैफिक ट्रैनिंग चिल्ड्रन पार्क का उद्घाटन किया। जिसके बाद कुछ माह लिए विभिन्न स्कूलों के बच्चों को उक्त पार्क में लाकर यातायात नियमों की जानकारी दी गई। पुलिस प्रशासन द्वारा अचानक इस प्रोजेक्ट से अपने हाथ खींच लिए गए। नतीजा यह निकला कि वर्षो से यह पार्क लावारिस पड़ा है। हाल ही में बनाए गए नए नेशनल हाईवे में पार्क का कुछ हिस्सा एक्वायर हो गया था।

छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकता था पार्क

घर से सड़क पर चढ़ने से लेकर नेशनल हाइवे पर सफर करने की सारी जानकारी उक्त ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क में मुहैया करवाई गई थी। यातायात नियमों के पालन लिए स्कूली बच्चों को उक्त पार्क में लाकर ट्रेंड करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रमुखों की थी। ट्रैफिक लाईटों की भूमिका, प्रेशर हार्न के नुकसान, सड़क पार करते समय बरते जानेवाली सतर्ककता आदि की जानकारी दी जाती थी। लेकिन दुर्भाग्य से उक्त ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क में अब नशेड़ी नशा करते देखे जाते हैं। प्रोजेक्ट शहर में होता तो मिलती कामयाबी : खेड़ा

सोसायटी फॉर एक्सीडेंट एड एंड ट्रैफिक हेल्प (साथ) सोसायटी के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर रमणीक सिंह खेड़ा का कहना है कि ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क का निर्माण करते समय चाहिए था कि उक्त प्रोजेक्ट तरनतारन शहर के आसपास होता। स्कूलों प्रबंधक विद्यार्थियों को इतनी दूरे बने पार्क में लाने से कतराते थे। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क को दोबारा जीवित किया जाए। प्रोजेक्ट कैसे पुनर्जीवित होगा, ली जाएगी रिपोर्ट : डीसी

डीसी प्रदीप सभ्रवाल कहते है कि आए दिन सड़क हादसों में कीमती जाने जा रही है। यह सारा कुछ यातायात नियमों के उल्लंघन कारण हो रहा है। गांव ठंिट्ठया महंता में जो ट्रैफिक ट्रेनिंग चिल्ड्रन पार्क बनाया गया था। उसकी व्यवस्था के बारे अभी जानकारी मिली है। ऐसे पार्क की जिले को काफी जरूरत है। बंद पड़े प्रोजेक्ट को कैसे चालू किया जाएगा। इस बाबत संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।


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