बचपन में उठ गया था मां का साया
राजेश शर्मा, खालड़ा : सीमावर्ती कस्बा भिखीविंड निवासी अमरजीत सिंह अंबा नशा छोड़ने के लिए घर से
राजेश शर्मा, खालड़ा : सीमावर्ती कस्बा भिखीविंड निवासी अमरजीत सिंह अंबा नशा छोड़ने के लिए घर से दवा लेने अस्पताल गया था। कुछ देर बाद मोहल्ला निवासियों को उसकी हत्या की खबर मिल गई। गलत सोसायटी में पड़कर अंबा नशे का आदी हो गया था, अब उसे पछतावा होने लगा था।
अमरजीत सिंह अंबा के पिता देसा सिंह कस्बे में शूज बेचने की दुकान करते थे। दस माह पूंर्व देसा सिंह की मौत हो गई। देसा सिंह की मां रुपिंदर कौर 15 वर्ष पहले इस संसार छोड़ गई थी। अंबा का बड़ा भाई दविंदर सिंह पिता की दुकान पर बैठता है। जबकि छोटा भाई सुरिंदर सिंह मजदूरी करता है। चार वर्ष पूर्व अंबा गलत सोसायटी में पड़ कर नशे का आदी हो गया। अंबा की हत्या के पीछे नशा तस्करों का हाथ हो सकता है। सिविल अस्पताल पट्टी के नशा छुड़ाओ केंद्र में वह दो माह से रोजाना दवाई लेने आता था। अंबा के भाई दविंदर सिंह और सुरिंदर सिंह ने बताया कि उनकी रंजिश किसी के साथ नहीं। घर की आर्थिक हालत इतनी तंग है कि गुजारा मुश्किल से चलता है। अंबा ने घर के कमरे किराये पर देने लिए दरवाजे पर पोस्टर चिपकाया है। मृतक के भाई सुरिंदर सिंह ने बताया कि नशे की लत से निकलने के लिए नशा छुड़ाओ केंद्र का सहारा लिया था, परंतु क्या पता था कि नशे की लत छोड़ने गए अंबा को मौत नसीब होगी। एसएसपी दर्शन सिंह मान ने कहा कि युवक की हत्या के मामले पर पुलिस पूरी तरह से गंभीर है।