रविवार को भी धरने पर बैठे सफाई कर्मी, बात करने नहीं पहुंचे विधायक अग्निहोत्री
नगर कौंसिल के सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण पूरे शहर में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सफाई व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है।
जासं, तरनतारन : नगर कौंसिल के सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण पूरे शहर में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सफाई व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। इसके चलते शहरवासी और राहगीर स्थानीय प्रशासन को कोस रहे हैं। पक्का करने की मांग को लेकर सफाई कर्मियों का धरना रविवार को छुट्टी वाले दिन भी जारी रहा। शनिवार को हलका विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने कहा था कि हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मियों से बातचीत करने उनके पास जाएंगे, परंतु वह पहुंचे ही नहीं।
यूनियन के अध्यक्ष रमेश शेरगिल की अगुआई में सफाई कर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि कैप्टन सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण वे हड़ताल पर बैठे हैं, क्योंकि चार वर्ष पहले कच्चे कर्मियों को पक्का करने का जो वादा किया गया था, उससे सरकार अब भाग रही है। रमेश ने कहा कि कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने, ठेकेदारी सिस्टम बंद करने, बराबर काम व बराबर तनख्वाह देने, नई पेंशन योजना बंद करने, मुलाजिमों को वेतन समय पर देने, पे कमिशन की रिपोर्ट लागू करने की मांगें बहुत पुरानी हैं। परंतु सरकार की ओर से मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा। सफाई कर्मियों ने कहा कि उनका सब्र अब टूट चुका है। अब हड़ताल के सिवाय उनके पास कोई चारा नहीं है। सड़कों व बाजारों में कूड़े के लगे ढेर, बदबू से लोग परेशान
दुकानदार बख्शीश सिंह, सेवा सिंह, गुलशन कुमार, मनजीत सिंह, बलजीत सिंह, राम लाल, दलविदर सिंह, जस्सा सिंह, गुरजीत सिंह, पाला सिंह ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से शहर की सड़कों और बाजारों में कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं। इससे उठने वाली बदबू से वे काफी परेशान हैं। एक तरफ कोरोना फैला हुआ है और दूसरा अब इलाके में इस गंदगी की वजह से बीमारियां फैलने का डर है। सात हजार रुपये से नहीं जलता चूल्हा
सफाई कर्मी सुरजीत कुमार, अजीत सिंह, नरिदर निदी, नंद लाल, जजपाल, बलविदर सिंह, गुरविदर सिंह, तिलक राज ने कहा कि महज सात हजार रुपये से कच्चे सफाई कर्मियों का एक महीने तक चूल्हा नहीं जल सकता। बीमार होने पर उनके परिवारों को मेडिकल की कोई सुविधा नहीं मिलती। इनको कई बार वेतन के लिए इंतजार करना पड़ता है।