शहर में लगे कूड़े के ढेर, सफाई कर्मियों ने कहा, मजबूर हैं हम
कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने ठेकेदारी प्रणाली बंद करने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं।
जासं, तरनतारन : कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, ठेकेदारी प्रणाली बंद करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं। उन्होंने नगर कौंसिल के गेट पर 13वें दिन भी प्रदर्शन करते हुए पहले शहरवासियों से माफी मांगी और कहा कि वह मजबूर हैं। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार धोखेबाज, कमजोर दिल व गरीबों का हक छीनने वाली साबित हुई है।
सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रमेश शेरगिल ने कहा कि शहर की सड़कों, गली-मोहल्लों, चौक-चौराहों में कूड़े के ढेर लगे हैं। शहरवासी सफाई कर्मियों पर गुस्सा निकालते होंगे। परंतु हम मजबूर हैं। न तो नगर कौंसिल अधिकारी हमारी बात सुनते हैं और न ही राज्य सरकार द्वारा सुध ली जा रही है। शेरगिल ने कहा कि 150 से अधिक कच्चे सफाई कर्मियों को वर्षो से पक्का करने का वादा किया जा रहा है। दो दर्जन के करीब सीवरेजमैनों के साथ भी ऐसा व्यवहार जारी है। नगर कौंसिल के हालात ऐसे है कि कच्चे कर्मियों को समय पर तनखाह नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि नगर कौंसिल के ईओ से लेकर हलका विधायक तक कई बार पहुंच करके हाथ जोड़ फरियाद की गई। परंतु वादा तो होता है मगर पूरा नहीं किया जाता। कूड़ा खिलरिया वेख के दुख हुंदा ए, पर असीं मजबूर हां
सफाईकर्मी सुरजीत कुमार, काला सिंह, चन्ना लाल, नंद लाल, बीबी शिदो, राज राणी, संतोश कुमारी, बबली, हरगोपाल सिंह, हरजीत सिंह ने कहा कि सरकार दी बेरुखी तो तंग आ के असी हड़ताल ते हा। सड़कां ते कूड़ा खिलरिया वेखके दुख हुंदा ए। राहगीर सानूं बुरा भला वी केंहदे होणगे। पर असी बेबस हा। साडे सबर दा प्याला भर चुक्का ए। असी हुण आर-पार दी लड़ाई लड़ रहे हां। असी शहर वासियां तो माफी मंगदे हा।