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रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के आवास पर पहुंचे सुखबीर बादल, चुनाव पर की चर्चा

खडूर साहिब हलके से शिअद-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के आवास पर शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 04:00 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 04:00 PM (IST)
रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के आवास पर पहुंचे सुखबीर बादल, चुनाव पर की चर्चा
रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के आवास पर पहुंचे सुखबीर बादल, चुनाव पर की चर्चा

संसू, खडूर साहिब : शिरोमणि अकाली दल के उप सरपरस्त व खडूर साहिब हलके से शिअद-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के आवास पर शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पहुंचे। सुखबीर सिंह बादल ने रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के साथ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार की गई रणनीति पर चर्चा करते कहा कि राज्य के लोग कांग्रेस की सरकार से बुरी तरह से तंग आ चुके हैं। किसान आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है। जिनकी कांग्रेस सरकार ने सुध नहीं ली। रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने कहा कि जिला तरनतारन से संबंधित चारों सीटों पर शिअद-बसपा गठबंधन की जीत के लिए वर्कर पूरी तरह से एकजुट हो चुके है। पूर्व विधायक रविदर सिंह ब्रह्मपुरा ने सुखबीर सिंह बादल को खडूर साहिब हलके में पार्टी की चल रही सरगर्मियों से अवगत करवाते कहा कि हर वर्ग के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

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वहीं शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिह बादल ने कहा कि जिस ढंग से पंजाब सरकार की जांच टीम श्री हरिमंदिर साहिब में हुई बेअदबी की घटना के सुबूत मिटाने में लगी है, उससे लगता है कि इस घटना के पीछे सरकार का ही हाथ है। यही कारण है कि दो दिनों में मामले की जांच का दावे करने के बाद भी इसे मुकम्मल नहीं किया गया है। सुखबीर ने कहा कि आज तक जितनी भी बेअदबी की घटनाएं हुई हैं, उनमें से सब से अधिक घटनाए कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई है। एक सवाल के जवाब में सुखबीर ने कहा कि भाजपा एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश के तहत सिखों के गुरुधामों पर अपना कब्जा करना चाहती है। यही कारण है कि एक राजनीति के तहत ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिदर सिंह सिरसा को पहले भाजपा में शामिल करवाया गया और अब उसका त्यागपत्र राजनीतिक दबाव में अस्वीकार करवा कर उसे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रबंध सौंपा जा रहा है। सिखों के धार्मिक संस्थानों के संभाल की जिम्मेवारी एसजीपीसी और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पास ही है। इस में हम किसी और की दखलअंदाजी सहन नहीं करेंगे। सिख किसी और को सिख गुरुधामों पर कब्जा नहीं करने देंगे। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष भाजपा में चला जाता है इस से बड़ी राजनीतिक साजिश और क्या हो सकती है। अकाली दल भाजपा को किसानी संघर्ष के 800 के करीब किसानों की लाशों के उपर राजनीतिक नहीं करने देगा।


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