सिविल अस्पताल के पास शाम को होता है नशेड़ियों का जमावड़ा
जासं तरनतारन विधानसभा चुनाव के मौके पंजाब को नशामुक्त बनाने के जो दावे कैप्टन सरकार ने किए थे वह पूरे नहीं कर पाई है।
जासं, तरनतारन : विधानसभा चुनाव के मौके पंजाब को नशामुक्त बनाने के जो दावे कैप्टन सरकार ने किए थे, उस पर आज तक सियासत गर्माई हुई है। मगर सच्चाई यही है कि युवा पीढ़ी आज भी नशे की चपेट में हैं। नौ लक्खी शहर पट्टी की बात करें तो यहां के सिविल अस्पताल परिसर में शाम ढलते ही नशेडि़यों का जमावड़ा लग जाता है।
मजदूरी करने वाले ये नौजवान एक ही सीरिज से एक-दूसरे को नशे का टीका लगाते हैं। अस्पताल के समीप ही नशे के टीके आम मिल जाते हैं। मगर वहां पर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं। दैनिक जागरण के की टीम ने जानकारी मिलने पर वहां दौरा किया तो नशा करने वाले युवाओं को देखा। इनमें से एक युवक दूसरे के नशे का टीका लगा रहा था। एक युवक बोला कि वह रिक्शा चलाता है और उससे होने वाली कमाई से नशा करता है। साथ ही जो युवक दोस्त के टीका लगा रहा था वह भी मजदूरी करता है और काफी समय से नशा कर रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि युवा पीढ़ी को नशे की दलदल से रोकने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। बरती जाती है पूरी सख्ती: एसएमओ
सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. गुरप्रीत सिंह राय कहते हैं कि अस्पताल के पास पूरी सख्ती बरती जाती है। यहां पर किसी फालतु व्यक्ति को नहीं बैठने दिया जाता। उन्होंने कहा कि शाम के समय यहां पर कोई कर्मी तैनात नहीं होता, जिसका कुछ नशेड़ी फायदा उठाते हैं। कड़ी कार्रवाई के दिए हैं आदेश: डीएसपी
डीएसपी कुलजिदर सिंह कहते हैं कि नशे के मामले पर कोई लापरवाही नहीं बरती जाती। अस्पताल के पास कौन लोग टीका लगाते हैं, इस बाबत थाना प्रभारी को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नशा पीड़ितों को इलाज के लिए सेंटरों में भी दाखिल करवाया जाता है। सरकार नशे को रोक नहीं सकी: भुल्लर
आम आदमी पार्टी के नेता लालजीत सिंह भुल्लर कहते हैं कि नशे के नाम पर कैप्टन सरकार की बेईमानी जग जाहिर हुई है। सरकार नशे को रोकने में विफल रही है। पट्टी अस्पताल के पास नशेडि़यों का इस तरह टीका लगाना प्रशासन के लिए बड़ी चेतावनी है।