नशा छुड़ाओ केंद्र के बाहर लगती भीड़, नहीं होता कोरोनो गाइडलाइंस का उल्लंघन
धर्मबीर सिंह मल्हार तरनतारन लोगों को नशा मुक्त करने के लिए मुफ्त दवा देने के उद्देश्य से जिले में 1
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : लोगों को नशा मुक्त करने के लिए मुफ्त दवा देने के उद्देश्य से जिले में 14 ओट सेंटर चलाए जा रहे हैं। यहां पर मरीजों को एक सप्ताह की दवाई दी जाती है। परंतु माह में एक बार दोबारा रजिस्ट्रेशन करने के लिए इन्हें तरनतारन सेंटर में जब बुलाया जाता है तो कोविड नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन होता है।
जनवरी में सरकारी तौर पर चलाए जा रहे कुल 14 ओट सेंटरों में 17939 लोगों की रजिस्ट्रेशन हुई थी, जो अब बढ़कर 18016 तक पहुंची है। कुल मिलाकर दो माह के दौरान नशा छोड़ने की दवाई लेने वाले 77 लोगों का इजाफा हुआ है। सीमावर्ती कस्बा खेमकरण, भिखीविंड, खालड़ा, सराय अमानत खां के अलावा गोइंदवाल साहिब, चोहला साहिब, खडूर साहिब व हरिके पत्तन से संबंधित इन लोगों को ओट सेंटरों में एक ही दिन में सात दिन की दवाई दी जाती है। परंतु माह में एक बार रजिस्ट्रेशन के मद्देनजर सभी को सिविल अस्पताल के ओट सेंटर में हाजरी भरनी पड़ती है। नशा छुड़ाओ सेंटर इंचार्ज व मनोरोग माहिर डा. ईशा धवन की ओर से इन मरीजों की सेहत व तकलीफ से अवगत होकर दवाई के बारे में दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। अब बात करें ओट सेंटर में कोविड नियमों की तो उसका पालन कहीं भी नहीं होता। सेहत विभाग का स्टाफ भले ही नियमों का पालन करता है, परंतु नशा छोड़ने की दवा लेने आने वाले लोग कोविड नियमों से पूरी तरह से बेपरवाह रहते हैं। सोमवार को सेंटर के बाहर सैकड़ें लोगों की भीड़ देखी गई। इनमें कई दिव्यांग व बुजुर्ग भी शामिल थे। कोविड नियमों का पालन करने लिए सेहत विभाग द्वारा भले ही दिशा-निर्देश दिए जाते है, परंतु ओट सेंटर के बाहर न तो शारीरिक दूरी का पालन होता नजर आया और न ही किसी ने मास्क पहना। करीब दो घंटे लोग कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते थे । यहां पर केवल एक ही पुलिसकर्मी तैनात होता है। जो लोगों को कतार में रहने का पाठ पढ़ाने में रूचि नहीं देता।
ये हैं जिले के ओट सेंटर
गांव ठरू, भग्गूपुर, कसेल, सुरसिंह, घरियाला, कैरों, सरहाली, मीयांविंड, खडूर साहिब, खेमकरण, पट्टी, भिखीविंड, हरिके पत्तन, तरनतारन। बैठने की नहीं है व्यवस्था
खेमकरण निवासी का कहना है कि तरनतारन सेंटर में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पूरा दिन गुजर जाता है। यहां पर बैठने की व्यवस्था नहीं है। पीने वाला पानी भी नहीं मिलता।
नियमों का पालन नहीं
दवा लेने आए एक व्यक्ति का कहना है कि वह चूरापोस्त के सेवन करने का आदी था। अब ओट सेंटर से जुड़कर नशे से मुक्ति पा रहा हूं। परंतु सेंटर में आने पर कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है। यहां पर नियमों का कोई पालन नहीं होता। कोविड नियमों का पालन जरूरी : डा. मेहता
सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता कहते हैं कि कोविड नियमों का पालन जरूरी है। ओट सेंटर के बाहर शारीरिक दूरी के पालन लिए बकायदा गोल दायरे बनाए गए है। फिर भी संबंधित स्टाफ को कहा जाएगा कि भीड़ एकत्रित न होने दी जाए। उन्होंने कहा कि सेंटर के बाहर पुलिस की नफरी बढ़ाने लिए संबंधित विभाग को लिखा जा रहा है।