माता-पिता का हाथ बंटाने पहली बार घर से निकली थी राजबीर
आर्थिक तंगी से जूझ रहा नरिदर सिंह अपनी पत्नी के साथ ईट-भट्ठे पर मजदूरी कर परिवार को पाल रहा था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन
आर्थिक तंगी से जूझ रहा नरिदर सिंह अपनी पत्नी के साथ ईट-भट्ठे पर मजदूरी कर परिवार को पाल रहा था। उनके दोनों बेटे जगजीत सिंह (18) और दलजीत सिंह (20) भी पढ़ाई छोड़कर मेहनत-मजदूरी करने लगे ताकि माता-पिता का बोझ कुछ कम कर सकें। रोजाना चारों गांव दरगापुर स्थित ईट-भट्ठे पर मजदूरी करने जाते। घर में सबसे छोटी बेटी राजबीर कौर के मन में भी माता-पिता और भाइयों का हाथ बंटाने की इच्छा जागी और उसने भी माता-पिता के साथ ईट-भट्ठे पर मजदूरी करने के लिए जाने की जिद की। बुधवार को वह पहली बार माता-पिता के साथ मजदूरी के लिए घर से निकली थी, लेकिन चंद कदमों की दूरी पर ही राजबीर और उसके माता-पिता को मौत ने अपनी आगोश में ले लिया। घर से निकलते वक्त नरिदर सिंह ने अपने दोनों बेटों को घर पर ही रुकने के लिए कह दिया था। अब परिवार में केवल दो भाई ही बचे हैं।
जगजीत सिंह व दलजीत सिंह ने बताया कि सुबह की चाय बनाकर उनकी बहन राजबीर कौर यह कहते हुए मां-बाप के साथ चली गई कि काम जल्दी निपट जाएगा। साथ ही दोपहर का खाना भी बनाकर साथ ले गई, लेकिन क्या पता था कि यह खाना उन्हें नसीब तक नहीं होगा। गांव दरगापुर के सरपंच बलकार सिंह, सरहाली के सरपंच अमोलकजीत सिंह, जल्लेवाल के सरपंच प्रो. नवरीत सिंह ने जगजीत सिंह व दलजीत सिंह को दिलासा देते हुए प्रशासन से मांग की कि मजदूर परिवार के तीन सदस्यों की हादसे में मौत के बाद अब दोनों भाई अकेले रह गए हैं। इनकी आर्थिक मदद की जाए। विधायक गिल ने जताई हमदर्दी
पट्टी के विधायक हरमिंदर सिंह गिल, चेयरमैन सुखविंदर सिंह सिद्धू, हरजिंदर सिंह चंबल, दलबीर सिंह सेखों, एसजीपीसी मेंबर खुशविंदर सिंह भाटिया, आप नेता रंजीत सिंह चीमा, लालजीत सिंह भुल्लर ने परिवार से हमदर्दी जाहिर की है।