एंट्री फीस से बचने के लिए अड्डे के बाहर रुक रहीं प्राइवेट बसें
। वर्ष 2005 में करोड़ों की लागत से बनाए गए बस अड्डे के बाहर बसों को जानबूझकर रोका जाता है ताकि अड्डा फीस की चोरी की जा सके।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : वर्ष 2005 में करोड़ों की लागत से बनाए गए बस अड्डे के बाहर बसों को जानबूझकर रोका जाता है ताकि अड्डा फीस की चोरी की जा सके। वहीं, बस अड्डे के बाहर बसें रोकने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बस अड्डे के आसपास शिक्षण संस्थान, निजी अस्पताल और आइलेट्स सेंटर हैं। पूरा दिन यहां पर यातायात की आवाजाही रहती है। हालांकि बस अड्डा चौक में ट्रैफिक समस्या पर काबू पाने के लिए पुलिस वालों की ड्यूटी लगी होती है। परंतु ट्रैफिक कर्मी दिखाई नहीं देते। बस अड्डे से यात्रियों को चढ़ाने और उतारने लिए भले ही व्यवस्था की गई है, परंतु निजी बसों के चालक अड्डा फीस से बचने के लिए बसें बाहर ही रोक देते हैं। ऐसा करने से बस अड्डे के बाहर ट्रैफिक जाम लग जाता है। ऐसे ही हालात जंडियाला गुरु बाइपास चौक के हैं। यहां पर वर्षो से ट्रैफिक लाइटें खराब पड़ी हुई हैं। निजी बस चालकों की मनमानी इतनी अधिक है कि यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। चौक के चारों ओर बसें लगाकर ट्रैफिक जाम कर दिया जाता है।
यात्री हरनाम सिंह, दिलबाग सिंह, पवित्र सिंह, बलकार सिंह पन्नू व जागीर सिंह कहते हैं कि बस अड्डे के बाहर बसें न रोकी जाएं। इसके लिए बाकायदा प्रशासनिक तौर पर आदेश दिए गए हैं, परंतु इन आदेशों का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है। निजी बस चालकों की मनमानी के कारण यहां कभी भी हादसा हो सकता है। अड्डे के बाहर बसें रोकने की मनाही है : जीएम बग्गा
पंजाब रोडवेज डिपो के जनरल मैनेजर रंजीत सिंह बग्गा कहते हैं कि किसी भी रूट से गुजरने वाली वो बस अड्डे में आने की पाबंद है, जो तरनतारन से गुजरती हो। निजी बस चालकों को आदेश दिया गया है कि अड्डे के बाहर बसें न रोकें, अगर ऐसा हो रहा है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।