अब डीएनए की रिपोर्ट बताएगी कौन थी नन्ही परी को जन्म देने वाली मां
31 दिसंबर की सुबह गांव कमालपुर के खेतों में झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची की मां का तीसरे दिन भी पता नहीं चला है।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : 31 दिसंबर की सुबह गांव कमालपुर के खेतों में झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची की मां का तीसरे दिन भी पता नहीं चला है। बच्ची को जन्म देकर कड़ाके की ठंड में फेंकने वाली कलयुगी मां का पता लगाने में स्थानीय पुलिस को तीसरे दिन भी कोई कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बच्ची का मेडिकल कालेज अमृतसर से डीएनए करवाया गया। अब डीएनए की रिपोर्ट पर पुलिस की उम्मीदें टिकी हुई हैं।
विधानसभा हलका खडूर साहिब के गांव कमालपुर के खेत में सुबह आठ बजे के करीब पंच जसवंत सिंह ने राह जाते समय मासूम को झाड़ियों में पड़े देखा। करीब जाकर जांच की तो पता चला कि उसकी सांसें नहीं चल रही थीं। शाल में लिपटी हुई इस नन्ही परी के शव को थाना सदर की पुलिस ने सिविल अस्पताल के शव गृह में 72 घंटों के लिए रखवाया था ताकि उसकी पहचान हो सके। परंतु सोमवार को भी पुलिस को उसे जन्म देने वाली मां का पता नहीं चला। थाना सदर के प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह ने बताया कि चौकी माणोचाहल के इंचार्ज एएसआइ अमरजीत सिंह ने बच्ची की पहचान के लिए स्थानीय अदालत में डीएनए करवाने संबंधी अर्जी दी जिसे मंजूर मिल गई। इसके बाद सिविल अस्पताल में डीएनए की सुविधा न होने कारण उसे मेडिकल कालेज अमृतसर ले जाया गया। शाम को डाक्टरों ने नन्ही परी का डीएनए सैंपल लिया। मासूम को लावारिस घोषित करते हुए दफनाने की कार्रवाई पूरी कर ली गई है। सेहत विभाग भी नहीं आया काम
मासूम को जन्म देकर मौत के मुंह में फेंकने वाली कलयुगी मां का पता लगवाने लिए पुलिस द्वारा सेहत विभाग को पत्र लिखा गया था। विभाग ने इलाके की आशा वर्करों की ड्यूटी लगाई थी कि उन घरों की महिलाओं का पता लगाया जाए जिनकी डिलीवरी का समय नजदीक आया था। परंतु आशा वर्करों को भी ऐसी किसी गर्भवती महिला की रिपोर्ट नहीं मिली। ये सवाल अब भी अनसुलझे?
-क्या लड़की होने पर कलयुगी मां ने उसे अपनाने के बजाय फेंक दिया?
-क्या अवैध संबंधों के कारण वह पैदा हुई और इस दाग से बचने के लिए महिला ने यह कदम उठाया।
-जब तक इस बच्ची की मां नहीं मिलेगी तब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे।