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पुलिस मुलाजिमों की कलाई और अंगुलियां काट भागे निहंग सिहों को ढाई किमी तक पीछा कर दबोचा

रविवार की दोपहर को दो थाना प्रभारियों को बुरी तरह घायल करके निहंग मेहताब सिंह व गुरदेव सिंह करीब ढाई किलोमीटर तक भागे। इनके पीछे थाना भिखीविंड के प्रभारी इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह मल्ली दौड़ रहे थे तो सामने से पुलिस की गाड़ी आ रही थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 05:30 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 05:30 AM (IST)
पुलिस मुलाजिमों की कलाई और अंगुलियां काट भागे निहंग सिहों को ढाई किमी तक पीछा कर दबोचा
पुलिस मुलाजिमों की कलाई और अंगुलियां काट भागे निहंग सिहों को ढाई किमी तक पीछा कर दबोचा

धर्मबीर सिंह मल्हार, गांव सिंहपुरा (तरनतारन): रविवार की दोपहर को दो थाना प्रभारियों को बुरी तरह घायल करके निहंग मेहताब सिंह व गुरदेव सिंह करीब ढाई किलोमीटर तक भागे। इनके पीछे थाना भिखीविंड के प्रभारी इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह मल्ली दौड़ रहे थे तो सामने से पुलिस की गाड़ी आ रही थी। इसमें सवार डीएसपी राजबीर सिंह पर जब आरोपितों ने हमला किया तो जवाब में पिस्टल से चली गोलियों से दोनों मौके पर ढेर हो गए। मेहताब सिंह के सिर और गुरदेव सिंह के सीने में लगी गोलियां आर पार हो गई।

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नांदेड़ साहिब स्थित बाबा हरलादा सिंह, बाबा प्रहलादा सिंह डेरे के मुखी बाबा संतोख सिंह के पास दोनों निहंग मेहताब सिंह व गुरदेव सिंह रहते थे। दोनों ने डेरे पर कब्जा जमाने के लिए 11 मार्च की सुबह डेरा मुखी बाबा संतोख सिंह की खंडे से हत्या कर दी थी। यह जानकारी देते हुए निहंग बलविंदर सिंह व राज सिंह ने बताया कि वह भी इस डेरे में बाबा संतोख सिंह की अगुआई में सेवा करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेहताब व गुरदेव आपराधिक प्रवृत्ति वाले थे। डेरा मुखी बाबा संतोख सिंह को दोनों के खिलाफ शिकायतें आती थीं कि वह लोगों से पैसे भी लूटते हैं। इस कारण बाबा संतोख सिंह ने दोनों को डेरे से चले जाने के लिए कहा था। निहंग बलविंदर ने आरोप लगाया कि उस पर भी जानलेवा हमला किया गया था।

अब दोनों आरोपितों के शवों का सोमवार को पट्टी के सिविल अस्पताल से तीन सदस्यीय डाक्टरी पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसकी बकायदा वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। सुरसिंह स्थित डेरे में शनिवार की रात को ली थी शरण

डीआइजी हरदयाल सिंह मान, एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले, एसपी मेहताब सिंह, गुरनाम सिंह, बलजीत सिंह ढिल्लों, जगजीत सिंह वालिया, डीएसपी कमलजीत सिंह औलख, थाना सिटी के प्रभारी इंस्पेक्टर गुरचरण सिंह ने सुरसिंह स्थित डेरे के प्रबंधकों से भी पूछताछ की। यहां पर दोनों आरोपित निहंग सिंहों ने शनिवार की रात शरण ली थी। इसी डेरे में आकर रहने वाले निहंग सिंह, बलविंदर सिंह व राज सिंह ने आरोपित निहंग सिंहों की शिनाख्त करवाई। सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश

डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने बताया कि एनकाउंटर मामले में सरकार की ओर से मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। यह जांच पट्टी के एसडीएम राजेश शर्मा की अगुआई में बकायदा शुरू हो चुकी है। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। दोनों के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर

सब डिवीजन भिखीविंड के डीएसपी राजबीर सिंह ने बताया कि थाना खेमकरण के प्रभारी नरिदर सिंह व थाना वल्टोहा के प्रभारी बलविंदर सिंह पर हमला करने के मामले में मेहताब सिंह व गुरदेव सिंह के खिलाफ थाना भिखीविंड में एफआइआर दर्ज कर ली गई है। सब इंस्पेक्टर का अधिक बहा रक्त

अमृतसर के अमनदीप अस्पताल में उपचाराधीन इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह (थाना वल्टोहा के प्रभारी) की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। वहीं सब इंस्पेक्टर नरिदर सिंह (थाना खेमकरण प्रभारी) का काफी ज्यादा खून बह चुका है। इसके चलते उनको तुरंत रक्त चढ़ाया गया। इसके बाद आपरेशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। ऊंचे कद के कारण बचे इंस्पेक्टर मल्ली

थाना भिखीविंड के प्रभारी इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह मल्ली ने बताया कि दोनों थाना प्रभारियों को घायल करने के बाद आरोपित मेहताब सिंह व गुरदेव सिंह ने उन पर भी खंडे और तलवार से हमला किया। परंतु ऊंचे कद के कारण वह हमले से बाल-बाल बच गए। डेरे की कारगुजारी पर उठे सवाल

बाबा संतोख सिंह की हत्या करके कस्बा सुरसिंह के डेरे में आरोपित मेहताब सिंह व गुरदेव सिंह को पनाह कैसे मिली, यह भी पुलिस के लिए जांच का हिस्सा है। उधर दोनों आरोपितों के मारे जाने की सूचना महाराष्ट्र पुलिस को देर शाम दे दी गई। इसके बाद डीएसपी रैंक के अधिकारी की अगुआई में महाराष्ट्र पुलिस की एक टुकड़ी पंजाब रवाना हो गई। डीजीपी ने कहा, बहादुर है दोनों अधिकारी

पुलिस अधिकारियों पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपित गुरदेव सिंह व मेहताब सिंह द्वारा पंजाब में किसी अन्य वारदात को अंजाम तो नहीं दिया गया। यह पता लगाने के लिए डीजीपी दिनकर गुप्ता द्वारा सभी जिलों के एसएसपी को जांच करके रिपोर्ट देने लिए कहा है। डीजीपी ने कहा कि इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह व सब इंस्पेक्टर नरिदर सिंह द्वारा बहादुरी से ड्यूटी की गई है। दोनों के इलाज का सारा खर्च विभाग द्वारा उठाया जाएगा।


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