फर्जी डीएल बनाने का बड़ा रैकेट पकड़ा, ढाई साल में बना दिए 1200 लाइसेंस, जज तक की बना रखी थी मुहर
खडूर साहिब तहसील कांप्लेक्स में फोटोस्टेट की दुकान की आड़ में बड़े स्तर पर जाली ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य फर्जी दस्तावेज बनाने वाले बड़े रैकेट को पुलिस ने बेनकाब किया है।
संवाद सूत्र, गोइंदवाल साहिब : खडूर साहिब तहसील कांप्लेक्स में फोटोस्टेट की दुकान की आड़ में बड़े स्तर पर जाली ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य फर्जी दस्तावेज बनाने वाले बड़े रैकेट को पुलिस ने बेनकाब किया है। इस गिरोह में सात सदस्यीय शामिल हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसी कांप्लेक्स में ही एसडीएम और नायब तहसीलदार का दफ्तर भी है। पुलिस ने तीन आरोपितों को नाकाबंदी के दौरान पकड़ लिया। आरोपितों की पहचान गुरभेज सिंह उर्फ भेजा निवासी गांव मुगलाणी जिला तरनतारन, कुलदीप सिंह उर्फ राजू निवासी कोट मित्त सिंह जिला अमृतसर, गुरजशनदीप सिंह उर्फ जशन निवासी गांव बुग्गा जिला तरनतारन के रूप में हुई। उनसे चार कलर प्रिंटर, दो सीपीयू, एक लैपटाप, नौ मुहरें बरामद की गई। थाना गोइंदवाल साहिब में उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया है।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह ढाई वर्ष में 1200 से अधिक जाली लाइसेंस बना चुका है। वे लोग यूके, कनाडा, आस्ट्रेलिया, पोलैंड, अमेरिका, जर्मनी जाने वाले नौजवानों को वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाते थे। इन लाइसेंसों के आधार पर ही युवाओं का वीजा लगता था। इसके बदले वे मोटी रकम वसूलते थे परंतु इन लाइसेंसों का कोई भी रिकार्ड आनलाइन नहीं होता था। इसके अलावा आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड की कापी में हेरफेर करने के कई मामले उजागर होने की संभावना है। इस गिरोह के तार अन्य जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग समय बचाने व शहर जाने के झंझट से बचने के लिए इन लोगों से राबता करते थे। ये लोग जाली लाइसेंस तैयार करके ग्राहकों को होम डिलीवरी करते थे।
एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले ने बताया कि इनमें गुरभेज इस गिरोह का सरगना है और 12वीं पास है। वह और कुलदीप बतौर पार्टनर खडूर साहिब तहसील कांप्लेक्स में फोटोस्टेट की दुकान करते हैं। उनके खिलाफ सुबूत मिले कि ये लोग फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य दस्तावेज बनाते हैं और इसके लिए उन्होंने गिरोह बनाया हुआ है। इस सूचना पर सीआइए स्टाफ के सब इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह ने गांव कंग के समीप वीरवार को नाकाबंदी करते हुए गुरभेज, कुलदीप और गुरजशनदीप को काबू कर लिया। उनसे उक्त सामान बरामद किया। पूछताछ में तीन साथियों के नाम बताए
पूछताछ में तीनों आरोपितों ने बताया कि उनके साथ दिलबाग सिंह निवासी गांव भरोवाल, हरप्रीत सिंह हैप्पी निवासी गांव कंग, संदीप सिंह सोनी निवासी गांव भरोवाल व एक अन्य युवक भी जुड़ा हुआ है। एसएसपी ने बताया कि फरार आरोपितों की गिरफ्तारी लिए छापामारी की जा रही है। गिरोह का सरगना है गुरभेज, कंप्यूटर का है माहिर
गुरभेज सिंह उर्फ भेजा 12वीं पास है। वह मध्यमवर्गीय किसान परिवार से है और कंप्यूटर का माहिर है। वह ही इस गिरोह का सरगना है। वह कलर प्रिंटर के माध्यम से तुरंत जाली लाइसेंस व अन्य कागजात तैयार कर देता था। उसने करीब ढाई वर्ष पहले यह कारोबार शुरू किया था। इस धंधे से जुड़कर उसने लाखों रुपये कमाए हैं। बाइक के दस्तावेज गुम हुए तो दोस्त ने कहा वो बना देगा
12वीं पास गुजशनदीप के पास एक मोटरसाइकिल है। एक बार उसके कागजात गुम हो गए। उसने अपने दोस्त गुरभेज को बताया कि दोबारा कागजात तैयार करवाने हैं। इस पर गुरभेज ने उसे कहा कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं। यह काम वह खुद कर देगा। इसके बाद गुजशनदीप भी जाली कागजात तैयार करने के धंधे में शामिल हो गया। अमृतसर का है कुलदीप सिंह, 800 से अधिक लाइसेंस इसने बनाए
राजू भले ही अमृतसर का रहने वाला है। परंतु वह वैरोंवाल के गांव मुगलाणी में फोटोस्टेट की दुकान के बहाने वाहनों के फर्जी कागजात और जाली ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में माहिर था। वह भी ढाई वर्ष से इस धंधे से जुड़ा था और करीब 800 से अधिक जाली लाइसेंस वह बना चुका है। आरोपितों से डाक्टर कुलदीप सिंह, जोगिंदर सिंह, मैरिज रजिस्ट्रार, प्रिंसिपल सरकारी हाई स्कूल वैरोवाल, डीटीओ तरनतारन, तहसीलदार खडूर साहिब, तहसीलदार तरनतारन, एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट, एमएस आनंद मोटर्स वेरका की मुहरें बरामद हुई हैं।