दिल्ली आदोलन से लौटे किसान की मौत, सरकार से मुआवजे की मांग
कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए दिल्ली में चल रहे संघर्ष से लौटे किसान गुरबचण सिंह (62) निवासी गाव माड़ीमेघा का रविवार को निधन हो गया। वह दो दिन से निजी अस्पताल में दाखिल थे।
संवाद सूत्र, खालड़ा : कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए दिल्ली में चल रहे संघर्ष से लौटे किसान गुरबचण सिंह (62) निवासी गाव माड़ीमेघा का रविवार को निधन हो गया। वह दो दिन से निजी अस्पताल में दाखिल थे। शाम को किसान का अंतिम संस्कार कर दिया गया। किसान संघर्ष कमेटी ने सरकार से माग की है कि किसान के परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी।
विधानसभा हलका खेमकरण के गाव माड़ीमेघा निवासी किसान गुरबचण सिंह के एक बेटे की पंद्रह वर्ष पहले मौत हो चुकी है। वह अपनी विधवा बहू, दो पोतों के साथ रहता था। दो एकड़ जमीन का मालिक किसान गुरबचण सिंह दो मार्च को दिल्ली में संघर्ष में शामिल होने के लिए गया था। 31 मार्च को वहां पर सेहत बिगड़ गई। इसके चलते दिल्ली के निजी अस्पताल में दो दिन उपचाराधीन था। परंतु हालत में सुधार न होने के कारण किसान गुरबचण सिंह को वापस लाया गया। कस्बे के निजी अस्पताल में दो दिन दाखिल रहने के बाद रविवार सुबह गुरबचण सिंह की मौत हो गई।
किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता गुरसाहिब सिंह, गुरलाल सिंह, निशान सिंह, कुलदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, कुलविंदर सिंह, जगमीत सिंह कलसी ने किसान संघर्ष कमेटी का झडा डालकर किसान गुरबचण सिंह को श्रद्धाजलि अर्पित की। किसान के पोते नवजोत सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। शहीद भाई तारू सिंह जोन नेता गुरसाहिब सिंह पहुविंड ने माग की है कि परिवार को दस लाख का मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।