ब्रिटिश सरकार सिख कौम की ऋणी रहेगी : ब्रिगेडियर हरवी
खडूर साहिब के गांव धुन्न ढाए वाला में सारागढ़ी के महान शहीद नायक लाल सिंह की यादगार पर नमन करने के लिए ब्रिटिश आर्मी के अधिकारी पहुंचे।
संवाद सहयोगी, तरनतारन 12 सितंबर 1897 को ब्रिटिश चौकी सारागढ़ी पर 10 हजार अफगानों ने हमला किया था। तब इस चौकी पर 36वीं सिख रेजिमेंट के 21 जवान तैनात थे। इन जवानों ने अफगानों का बहादुरी से मुकाबला करते हुए वीरगति प्राप्त की थी। इन शहीदों को ब्रिटिश आर्मी सदा नमन करती रहेगी। यह शब्द ब्रिटिश आर्मी की ब्रिगेडियर सेलिया जेन हरवी ने कहे।
वीरवार को खडूर साहिब के गांव धुन्न ढाए वाला में सारागढ़ी के महान शहीद नायक लाल सिंह की यादगार पर नमन करने के लिए ब्रिटिश आर्मी के अधिकारी पहुंचे। इस टीम की अगुआई करते हुए ब्रिगेडियर हरवी ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन मजलूमों की रक्षा को समर्पित रहा है। गुरु जी के दर्शाए मार्ग पर चलते हुए ही सिख कौम के इन 21 योद्धाओं ने जो बहादुरी दिखाई थी, उसके बदले ब्रिटिश सरकार सिख कौम की हमेशा ऋणी रहेगी।
हरवी ने सारागढ़ी लड़ाई के महान शहीद नायक लाल सिंह की यादगार पर फूल-मालाएं अर्पित करते हुए ग्रामीणों को बधाई दी। ब्रिटिश आर्मी के कर्नल जॉन कैंडल, कैप्टन जगजीत सिंह, काइज बिकटरन, सार्जेट मेजर अशोक चौहान, लेफ्टिनेंट कर्नल निक वुड ने शहीद नायक लाल सिंह की यादगार पर फूल-मालाएं अर्पित की।
सारागढ़ी फाउंडेशन के चेयरमैन गुरिदरपाल सिंह जोशन, अध्यक्ष ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों, रंजीत सिंह खालसा, तरणवीर सिंह बेनीपाल, कमलजीत सिंह पन्नू ने संबोधित करते हुए सारागढ़ी लड़ाई के महान शहीदों पर अपने विचार पेश किए। इस मौके पर सूबेदार रछपाल सिंह, शुबेग सिंह धुन्न, सुरजीत सिंह, गुरजीत सिंह, प्रदीप सिंह, जैमल सिंह, रसाल सिंह, सूबेदार रशपाल सिंह, पूर्व सरपंच अरूड़ कुमार, अमरजीत सिंह, कैप्टन मोहन सिंह, सूबेदार सुखबीर सिंह, बगीचा सिंह, हंसा सिंह, जैमल सिंह, रसाल सिंह, सुरजीत सिंह धुन्न, गुरजीत सिंह के अलावा महान शहीद लाल सिंह के परिवार से चरणजीत सिंह, मलकीत सिंह और सरबजीत सिंह मौजूद थे।