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सिविल अस्पताल में मरीजों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं

अस्पतालों में अगर मरीजों की फरियाद सुनी जाए तो उनका दर्द कम हो जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 06:30 AM (IST)
सिविल अस्पताल में मरीजों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं
सिविल अस्पताल में मरीजों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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अस्पतालों में अगर मरीजों की फरियाद सुनी जाए तो उनका दर्द कम हो जाता है। इसके विपरीत जिला स्तरीय अस्पताल तरनतारन में मरीजों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। हालात ऐसे है कि ओपीडी विंडो से लेकर अल्ट्रासाउंड केंद्र के बाहर मरीजों की भीड़ जमा रहती है। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गो के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है।

सिविल अस्पताल तरनतारन में प्रतिदिन 650 से 750 मरीजों की रजिस्ट्रेशन होती है। 20 से 25 मरीजों को इलाज के लिए दाखिल किया जाता है। 10 से 15 मरीजों के रोजाना आपरेशन होते है। अस्पताल की लैब में प्रतिदिन में 1800 से 2100 तक विभिन्न टेस्ट होते है। जिला स्तरीय अस्पताल में मरीजों की इतनी संख्या के बावजूद प्रबंधों में सुधार नहीं है। इलाज लिए पंजीकरण करवाने लिए मरीजों और उनके स्वजनों को परेशानी सामना करना पड़ता है। बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बावजूद न तो शरीरिक दूरी का पालन होता है और न ही किसी ने मास्क पहने होते है। सेहत विभाग का कोई भी कर्मी लोगों को जागरूक भी नहीं करता। ऐसी ही हालत दवाई लेने वालों व टेस्टों की फीस अदा करने वाली खिड़की पर होती है। बुजुर्गो और दिव्यांगों के बैठने लिए प्रबंध जीरो के बराबर है। अब बात करें एक्सरे सेंटर की तो यहां पर मरीजों के बैठने लिए तीन चेयर लगी है, जो मरीजों की आमद मुताबिक काफी नहीं है। अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर में प्रत्येक दिन में 25 से 30 अल्ट्रासाउंड होते है। अल्ट्रासाउंड करवाने वालों में अधिक तौर पर गर्भवती महिलाएं होती है। इन गर्भवती महिलाओं की हालत पर अस्पताल को कोई तरस नहीं आता।

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गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा

कोविड नियमों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं प्रति जागरूक रहना जरूरी है। अल्ट्रासाउंड केंद्र के बाहर बिना मास्क व बिना शरीरिक दूरी का पालन किए इन महिलाओं को लंबे समय तक भीड़ वाली कतार में खड़े रहना पड़ता है जो खतरनाक साबित हो सकती है।

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लोगों ने जताई नाराजगी

अस्पताल में इलाज के लिए आए नवरूप सिंह, अजमेर सिंह, बख्शीश कौर, करतार कौर, निरंजन सिंह, दलबीर सिंह, कीमती लाल ने बताया कि दिव्यांगों व बुजुर्गो के बैठने लिए कोई प्रबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार दिव्यांगों को एक घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ता है।

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प्रबंधों में नहीं कोई कमी : धवन

एसएमओ डा. स्वर्णजीत धवन ने कहा कि अस्पताल में प्रबंध लगातार बेहतर बनाए जाते है। पंजीकरण वाली खिड़की पर मरीजों की भीड़ न लगे, इस बाबत लगातार प्रयास किए जा रहे है। अस्पताल में मरीजों के बैठने लिए फर्नीचर की कोई कमी नहीं है। अल्ट्रासाउंड केंद्र के बाहर बैठने के लिए पूरे प्रबंध है। परंतु कभी-कभी भीड़ लग जाती है। इस बाबत उचित प्रबंध किए जाएंगे।


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