आइईडी मामले की जांच के लिए तरनतारन पहुंची एनआइए की टीम, पुलिस से लिया संदिग्धों का रिकार्ड
आइईडी मामले में जांच के लिए एनआइए की टीम ने तरनतारन में दबिश दी।
जासं, तरनतारन : आठ मई को नौशहरा पन्नुआं के पास बरामद ढाई किलो आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्लोप्लोसिव डिवाइस) मामले में जांच के लिए एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) की टीम ने तरनतारन में दबिश दी। एनआइए ने स्थानीय पुलिस से कुछ रिकार्ड कब्जे में लेकर मामले की जांच आगे बढ़ाई है।
एनआइए की पांच सदस्यीय टीम ने दूसरी बार उस क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां से आइईडी बरामद की गई थी। करीब डेढ़ घंटे तक इस क्षेत्र में रही टीम ने कस्बा हरिके पत्तन के कुछ संदिग्ध लोगों का रिकार्ड कब्जे में लिया। इसके बाद जिला पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचकर एक सूची प्राप्त की। इस सूची में क्या है, इस बाबत आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। हालांकि सीआइए स्टाफ पट्टी के इंचार्ज इंस्पेक्टर बिदरजीत सिंह कहते हैं कि आइईडी की बरामदगी के मामले में पुलिस बड़े स्तर पर जांच कर रही है। इस बाबत अभी कुछ भी बताना उचित नहीं, क्योंकि मामला देश की सुरक्षा के साथ जुड़ा हुआ है।
दरअसल, आठ मई को पंजाब पुलिस ने जिले से खालिस्तान समर्थक दो आतंकियों बरजिदर सिंह उर्फ बिदू और जगतार सिंह उर्फ जग्गा को आइईडी सहित नौशहरा पन्नुआं के पास काबू किया था। इस मामले में फरार आतंकी जोबनजीत सिंह उर्फ जोबन का सुराग लगाने के लिए पट्टी पुलिस की टीम ने राजस्थान में दो जगह छापामारी की, पर वह हाथ नहीं आया।
पाकिस्तान में रहते ए कैटेगरी के गैंगस्टर हरविदर सिंह रिदा और कनाडा में बैठे लखबीर सिंह लंडा का इसमें मेल सामने आ रहा है। इसके माध्यम से कनाडा, जर्मनी और अरब देश से पंजाब में छह लोगों को फंडिंग भेजी गई थी। पंजाब का माहौल खराब करने के लिए आइएसआइ ने खालिस्तानी समर्थकों, गैंगस्टरों और नशा तस्करों का नेटवर्क बनाना शुरू किया है। इसी के तहत पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से यह विस्फोटक सामग्री तरनतारन पहुंचाई गई थी। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में फरार आतंकी जोबनजीत सिंह उर्फ जोबन का नेटवर्क तरनतारन जिले में बना हुआ था। इस नेटवर्क के माध्यम से जोबन ने तहसील अजनाला के गांव गुज्जरपुरा निवासी बलजिदर सिंह उर्फ बिदू और गांव खानेवाल निवासी जगतार सिंह उर्फ जग्गा को पैसे का लालच देकर नौशहरा पन्नुआं से मोटरसाइकिल पर आइईडी कहीं लेकर जाने के आदेश दिए थे।