हरिके बर्ड सेंक्चुअरी में 40 हजार से अधिक विदेशी पक्षी पहुंचे
। नवंबर माह में जब सर्दी दस्तक देती है तो बर्फीले इलाकों से लंबी उड़ान भरकर विदेशी मेहमान अंतरराष्ट्रीय बर्ड सेंक्चुअरी हरिके पतन का रुख करते हैं।
धर्मबीर सिंह मल्हार, हरिके पतन (तरनतारन) : नवंबर माह में जब सर्दी दस्तक देती है तो बर्फीले इलाकों से लंबी उड़ान भरकर विदेशी मेहमान अंतरराष्ट्रीय बर्ड सेंक्चुअरी हरिके पतन का रुख करते हैं। तीन दिनों के दौरान इन विदेशी पक्षियों की आमद लगातार तेज होने से बर्ड सेंक्चुअरी का माहौल पूरी तरह से चहक उठा है। अनुमान के मुताबिक यहां पर 40 हजार से अधिक विदेश पक्षियों की आमद हो चुकी है।
जिला तरनतारन, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी में 86 वर्ग किलोमीटर में फैली हरिके पतन बर्ड सेंक्चुअरी 1953 में सामने आई थी। पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार और प्रदेश की सरकारों ने 1987-88 के दौरान इस बर्ड सेंक्चुअरी के संरक्षण को उचित महत्व दिया। गत वर्ष सर्दी के मौसम में ढाई लाख के करीब विदेशी पक्षी यहां पहुंचे थे, जबकि एक वर्ष पहले यहां पर पौने दो लाख विदेशी पक्षियों की आमद हुई थी। 2013 में यहां पर डाल्फिन भी देखी गई थी। इसके बाद इस अंतरराष्ट्रीय बर्ड सेंक्चुअरी की अहमियत बढ़ गई थी। विदेशी पक्षियों को देखने के लिए सैलानियों की आमद में भी इजाफा हुआ था।
सूत्रों की मानें तो नवंबर माह के 10 दिनों की ठंड के बीच विभिन्न देशों से काफी संख्या से विदेशी पक्षी यहां पहुंच रहे हैं। 12 हजार के करीब मुरगाबी (कूट) की आमद से बर्ड सेंक्चुअरी का पर्यावरण पहले से काफी बेहतर नजर आ रहा है। विभाग की मानें तो ग्रे हेरन, विजन सावरल, पर्पल हेरन, हेडिडगीज, शावलर, लिटल ई ग्रेट, ब्राउन हेडिड गलज, सपोट बिल डक, रिर्वटर्न, सपून बिलज, लिटल कारबोरेंट, रूडी शैलडक, कॉमन शैलडक, शौवलर, कॉमन पोचड, ग्रेलैग गीज, शैंड पाइपर, साइबेरियन गलज, सपुन बिल्ज पोटड स्र्टाक, कॉमन टोचर्ड प्रजातियों के करीब 25 हजार पक्षियों की आमद देखने को मिल रही है। माहिरों की मानें तो आने वाले 10 दिनों के दौरान यहां पर साईबेरिया समेत अन्य देशों से इतने और पक्षियों के पहुंचने की उम्मीद है।
बर्ड सेंक्चुअरी में पेट्रोलिंग बढ़ाई गई : गीतांजलि वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड प्रोजेक्ट की अधिकारी गीतांजलि कंवर का कहना है कि हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में पहुंच रहे विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के लिए जंगलात विभाग के कर्मी तैनात किए गए हैं। जबकि डब्ल्यूडब्ल्यूएफओ के पांच सदस्य अलग से तैनात किए गए हैं। विदेशी पक्षियों की आमद को मुख्य रखते हुए बर्ड सेंक्चुअरी में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।