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इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन चलाने से पहले एमसीएमसी कमेटी की मंजूरी जरूरी: डीसी

इलेक्ट्रोनिक्स व सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने से पहले सियासी पार्टियों के प्रत्याशी मीडिया सर्टिफिकेशन व मोनिटरिग कमेटी से मंजूरी लेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:46 PM (IST)
इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन चलाने से पहले एमसीएमसी कमेटी की मंजूरी जरूरी: डीसी
इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन चलाने से पहले एमसीएमसी कमेटी की मंजूरी जरूरी: डीसी

जागरण संवाददाता, तरनतारन : इलेक्ट्रोनिक्स व सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने से पहले सियासी पार्टियों के प्रत्याशी मीडिया सर्टिफिकेशन व मोनिटरिग कमेटी से मंजूरी लेंगे। अगर ऐसा नहीं किया तो आचार संहिता का उल्लंघन समझते हुए कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह कहना है जिला चुनाव अधिकारी कुलवंत सिंह धूरी का।

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उन्होंने बताया कि टीवी चैनलों को भी चाहिए कि सियासी विज्ञापन चलाने से पहले संबंधित नेता व पार्टी से स्टेट या जिला स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन व मोनिटरिग कमेटी (एमसीएमसी) से जारी सर्टिफिकेशन की कापी यकीनी तौर पर लें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया जिसमें रेडियो टीवी, ई-पेपर, सिनेमा हाल, सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, गूगल, यूट्यूब) के अलावा मोबाइल से भेजे जाने वाले एसएमएस, वाइस मैसेज बाबत भी मंजूरी यकीनी तौर पर लें। उन्होंने बताया कि पेड न्यूज के केस में एमसीएमसी की ओर से रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से संबंधित प्रत्याशी को नोटिस भेजा जाएगा। 48 घंटे में जवाब न मिलने पर खबर को पेड न्यूज समझकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एमसीएमसी के फैसले को राज्य स्तर कमेटी में चुनौती भी दी जा सकेगी। जबकि राज्य स्तर पर बनाई गई एमसीएमसी के फैसले को भारतीय चुनाव आयोग समक्ष 48 घंटों के भीतर अपील करने का हक होगा।


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