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गठबंधन सरकार के समय जारी ग्रांटों में हेराफेरी की जांच शुरू

पूर्व गठबंधन सरकार के कार्यकाल में नगर कौंसिल को जारी की गई करोड़ों की ग्रांट में कथित हेराफेरी के मामले पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 11:06 PM (IST)
गठबंधन सरकार के समय जारी ग्रांटों में हेराफेरी की जांच शुरू
गठबंधन सरकार के समय जारी ग्रांटों में हेराफेरी की जांच शुरू

जागरण संवाददाता, तरनतारन: पूर्व गठबंधन सरकार के कार्यकाल में नगर कौंसिल को जारी की गई करोड़ों की ग्रांट में कथित हेराफेरी के मामले पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के आदेश पर शुरू हुई जांच के प्रथम चरण में विजिलेंस ब्यूरो ने नगर कौंसिल का रिकार्ड कब्जे में लेना शुरू कर दिया है।

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प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता बनने के बाद युवा कांग्रेस नेता रमनीक सिंह खेड़ा ने नगर कौंसिल तरनतारन पर सरकार की ओर से जारी ग्रांटों में कथित हेराफेरी का आरोप लगाया था। उस समय 100 करोड़ से अधिक की राशि गुरुनगरी के विकास लिए जारी हुई थी। नगर कौंसिल ने विकास कार्यो का टेंडर अमृतसर की निजी कंपनी को दिया था। रमनीक सिंह खेड़ा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, विजिलेंस विभाग के चीफ डायरेक्टर, स्थानीय निकाय मंत्री को कथित हेराफेरी की शिकायतें भेजी थीं, जिस पर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद विजिलेंस विभाग ने नगर कौंसिल के ईओ को नोटिस भेजकर बाकायदा रिकार्ड मांगा। विजिलेंस ब्यूरो फिरोजपुर के एसएसपी गौतम सिंगला का कहना है कि नगर कौंसिल को वर्ष 2006 से 2017 के दौरान जारी हुई ग्रांटों का विवरण मांगा गया है। कुछ रिकार्ड मिल गया है। पूरा रिकार्ड मिलते ही जांच में तेजी लाई जाएगी। झूठी शिकायतों में नहीं कोई दम: भूपिंदर

नगर कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष भूपिंदर सिंह खेड़ा का कहना है कि गठजोड़ की सरकार के दौरान ग्रांटों का ईमानदारी से प्रयोग किया गया। सरकार द्वारा जारी राशि में किसी भी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ। शिअद को बदनाम करने लिए ऐसी कई बार झूठी शिकायतें दी जा चुकी हैं। झूठी शिकायतों में कोई दम नहीं है। शिकायत वापस लेने को मिल रही है धमकियां: रमनीक

शिकायतकर्ता रमनीक सिंह खेड़ा का कहना है कि नगर कौंसिल में कथित तौर पर हुए घपलों की जांच बाबत शिकायत देने के बाद धमकियां भी मिलती रही हैं। अब दोबारा मामला उठाए जाने के बाद फिर से धमकाया जा रहा है। शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।


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