हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में पहले भी कई बार शिकारी पड़ चुके है भारी
हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में जहरीले स्प्रे के कारण एक हजार के करीब मच्छली के पूंग की मौत ने विभाग की कार्यगुजारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संवाद सहयोगी, तरनतारन: हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में जहरीले स्प्रे के कारण एक हजार के करीब मच्छली के पूंग की मौत ने विभाग की कार्यगुजारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ, इससे पहले भी बर्ड सेंक्चुअरी पर शिकारी भारी पड़ चुके हैं।
हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी का रकबा जिला तरनतारन, फिरोजपुर, कपूरथला में आता है। बर्ड सेंक्चुअरी में शराब माफिया वर्षो से भारी है। गत दिन पूर्व पुलिस द्वारा आबकारी विभाग की टीम को साथ लेकर अवैध शराब के कारोबार का पर्दाफाश किया गया था। यह आप्रेशन ड्रोन की मदद से पूरे पांच घंटे चलाया गया था। इस दौरान भारी मात्रा में लाहन व अन्य सामान बरामद करके सात शराब तस्करों खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे, जबकि बर्ड सेंक्चुअरी में पक्षियों का शिकार करने के भी आए दिन मामले सामने आते हैं। बर्ड सेंक्चुअरी के एक हिस्से में करीब एक हजार मच्छली का पूंग जहरीली दवा की स्प्रे कारण मारा गया। शिकारियों द्वारा जानवरों, पशु-पक्षियों का शिकार तो किया जाता है। इसके अलावा विभाग की मिलीभुगत से गांव किड़िया के पास संघाड़े की खेती की गई थी। इस खेती पर जहरीला स्प्रे किया गया, जो एक हजार मछली के पूंग के लिए जानलेवा साबित हुआ। विभाग को जब खबर मिली तो आनन-फानन में गांव के निवासी संदीप सिंह, बलविंदर सिंह, बलवीर सिंह, अशोक कुमार, सतपाल शर्मा के खिलाफ अदालत में मामला दायर कर दिया गया, परंतु अब तक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
उधर, जंगली जीव विभाग के रेंज अफसर कमलजीत सिंह का कहना है कि विभाग ने अपनी ड्यूटी में कभी भी लापरवाही नहीं बरती। जहरीले स्प्रे से मरने वाली मछलियों के पूंग का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आरोपितों के खिलाफ जंगली जीव एक्ट 1972 के तहत कार्रवाई होगी।