तरनतारन में नगर कीर्तन के दौरान जानलेवा साबित होती नियमों की अनदेखी
नगर कीर्तन बाबा दीप सिंह जी के जन्म स्थान से रवाना हुआ था। यह अमृतसर जिले के गांव चब्बा के पास गुरुद्वारा टाहला साहिब में संपन्न होना था लेकिन बीच रास्ते में ही हादसा हो गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। बाबा दीप सिंह जी के जन्मदिवस पर शनिवार को उनके पैतृक गांव पर्हुंवड के गुरुद्वारा साहिब से निकले नगर कीर्तन के दौरान पटाखों में विस्फोट से तीन कीमती जानें चली गईं और कई लोग घायल हैं। धमाका भारत-पाक सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर गांव पलासौर के पास पेट्रोल पंप से 400 गज की दूरी पर हुआ। नगर कीर्तन बाबा दीप सिंह जी के जन्म स्थान से रवाना हुआ था।
यह अमृतसर जिले के गांव चब्बा के पास गुरुद्वारा टाहला साहिब में संपन्न होना था, लेकिन बीच रास्ते में ही हादसा हो गया। धमाके के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। दरअसल नगर कीर्तन में शामिल युवक पांच फीट चौड़ी एवं पांच फीट लंबी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रखे पटाखे चला रहे थे। अभी तीन से चार पटाखे ही चलाए गए थे कि एक पटाखा ट्रॉली में रखे अन्य पटाखों पर जा गिरा, जिससे जोरदार धमाका हो गया। धमाके की गूंज डेढ़ किलोमीटर तक सुनी गई।
जाहिर है तरनतारन में नगर कीर्तन के दौरान जो कुछ हुआ उसे लापरवाही का ही परिणाम कहा जा सकता है। आइजी का भी यह कहना है कि पटाखों पर पाबंदी के बावजूद आतिशबाजी की गई। हैरानी इस बात की है कि जब पटाखों पर प्रतिबंध है तब इतनी बड़ी मात्रा में गंधक और पोटाश जैसे खतरनाक मिश्रण को नगर कीर्तन के बीच ले जाने की इजाजत किसने दी? नगर कीर्तन में महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में होते हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह कोई पहली घटना नहीं है, जहां नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हुई।
नगर कीर्तन के अवसर पर आतिशबाजी तो प्रदेश में आम बात है, इसके अतिरिक्त शादी तथा अन्य खुशी के अवसर पर हर्ष फार्यंरग भी सामान्य तौर पर भी देखी जा सकती है। इससे कई अप्रिय घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। सरकार की तरफ से इन सबके खिलाफ नियम-कानून भी बनाए जा चुके हैं। यहां तक कि कोर्ट ने भी सीमाएं तय की हैं, इसके बावजूद लोग सब कुछ जानते हुए भी खतरा मोल लेने से बाज नहीं आते।
यह अच्छी बात है कि प्रदेश सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और मुख्यमंत्री ने इसकी न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उचित तो यही होगा कि इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय की जाए और जो भी इसके लिए दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त धार्मिक संगठनों को भी चाहिए कि वे जागरूकता बढ़ाने की पहल करें, ताकि फिर किसी शुभ आयोजन में ऐसी अशुभ घटना न हो। इस घटना में साजिश की आशंका भी जताई जा रही है और खुफिया एजेंसियां इसकी जांच भी कर रही हैं। उम्मीद है कि बहुत जल्द इसके पीछे के कारणों का पता चल जाएगा। सबसे जरूरी बात यही है कि हम इससे सबक लें और भविष्य में सतर्क और सावधान रहें, ताकि फिर ऐसी घटना की कोई संभावना ही उत्पन्न न हो।