तरनतारन में 1206 लोगों का होम क्वारंटाइन पीरियड खत्म
प्रदेश में कर्फ्यू को 15 दिन समाप्त हो गए हैं। 1206 लोगों का क्वारंटाइन पीडियड खत्म हो गया है।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : प्रदेश में कर्फ्यू को 15 दिन समाप्त हो गए हैं। राष्ट्रीय मार्ग व लिंक सड़कों पर सन्नाटा फैला हुआ है। लोग जनता कर्फ्यू में सहयोग कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन व सेहत विभाग अपनी जिम्मेदारी दिखाते हुए ड्यूटी का पालन करने में जुटा हुआ है। वहीं, कोरोना को हराने का जज्बा लोगों में अब भी बरकरार है।
जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में भी प्रशासनिक स्टाफ भी मुस्तैद होकर अपनी ड्यूटी कर रहा है। वहीं, जिले से संबंधित 1206 लोगों का होम क्वारंटाइन पीरियड खत्म हो गया है। जबकि गुजरात से आए 45 लोगों का होम क्वारंटाइन पीरियड तीसरे दिन में शामिल हो गया है। विभिन्न देशों से आए 1206 नागरिकों की जांच के लिए सेहत विभाग द्वारा एसएमओ स्तर से आशा वर्कर तक के 1604 कर्मचारी घर-घर गए और होम क्वारंटाइन पीरियड का पालन करने वाले नागरिकों की जांच की। जिले में केवल तीन नागरिकों के खिलाफ होम क्वारंटाइन का उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है। अब तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। होम क्वारंटाइन में तरनतारन शहर, पट्टी, घरियाला, सभरा, खडूर साहिब, चोहला साहिब, डेहरा साहिब, सुरसिंह से संबंधित अधिक लोग शामिल थे।
होम क्वारंटाइन पीरियड पूरा हुआ
अभिशेर सिंह, आदेशबीर सिंह, अजीत सिंह व आकाशदीप सिंह निवासी जगतपुरा ने कहा कि 14 दिन का होम क्वारंटाइन पीरियड उन्होंने नियमों के तहत पूरा कर लिया है। समय-समय पर सेहत विभाग की टीमों ने जांच की। वहीं, गांव बाणियां निवासी अरवीन कौर, मालूवाल निवासी अवतार सिंह, ढोटियां निवासी बबलजीत कौर, पट्टी निवासी बलजीत कौर, भिखीविंड निवासी दलजीत कौर, खडूर साहिब निवासी दर्शन कौर, गांव किरतोवाल निवासी गुरमीत कौर ने कहा कि 14 दिन का होम क्वारंटाइन बेशक पूरा हो चुका है, परंतु अब भी वह घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते। क्योंकि इसी में देश और समाज की भलाई है।
चार की रिपोर्ट नेगेटिव रही थी
सिविल अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में चार संदिग्ध मरीजों को भर्ती करके उनके स्वैब टेस्ट किए गए। चारों की रिपोर्ट नेगेटिव रही। इनमें से दो महिलाएं भी शामिल हैं। कोरोना वायरस से मरने वाले श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व रागी का रिश्तेदार युवक भी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रह चुका है। जिसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी।