सिख कौम ने हमेशा शहादत देने में सबसे आगे रही: संतोख सिंह
साका श्री ननकाना साहिब की 100 वर्षीय शताब्दी के संबंध में गुरुद्वारा भट्ठ साहिब में धार्मिक समागम आयोजित किया गया। गुरुद्वारा साहिब में रखे गए श्री अखंड पाठ के भोग के उपरांत यह समागम आरंभ हुआ।
संवाद सूत्र, पट्टी : साका श्री ननकाना साहिब की 100 वर्षीय शताब्दी के संबंध में गुरुद्वारा भट्ठ साहिब में धार्मिक समागम आयोजित किया गया। गुरुद्वारा साहिब में रखे गए श्री अखंड पाठ के भोग के उपरांत यह समागम आरंभ हुआ।
कथावाचक संतोख सिंह सुरसिंह वालों ने साका श्री ननकाना साहिब बाबत रोशनी डालते हुए कहा कि सिख कौम ने शहादत देने में कभी कसर नहीं छोड़ी। महंत नरायण दास द्वारा धार्मिक स्थानों की बेअदबी करके सिखों पर जुल्म किया जाता था। इसका बहादुर कौम ने डटकर मुकाबला किया। गुरुद्वारा भट्ठ साहिब के प्रबंधक बाबा गुरबचन सिंह सुरसिंह, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मेंबर खुशविंदर सिंह भाटिया, प्रचारक गुरबचन सिंह कलसियां, दिलबाग सिंह सभरा, भाई सतिंदर सिंह के जत्थे ने सिख इतिहास से अवगत करवाया। भूपिंदर सिंह मिंटू माही, बलविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, लखबीर सिंह, जसबीर सिंह, महिल सिंह, प्रगट सिंह, गुरदीप सिंह मल्ला, निरवैल सिंह, बाज सिंह गोपाला भी मौजूद थे। समागम दौरान गुरु का लंगर वितरण किया गया। सिख इतिहास से अवगत करवाने वाले जत्थों को गुरबचन सिंह सुरसिंह ने सम्मानित किया। इसके अलावा एसजीपीसी की ओर से हरियाणा के कैथल जिले के गांव हाबड़ी मेंसाका ननकाना साहिब की याद में रविवार की शाम कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुद्वारा सुधार लहर के नेता जत्थेदार करतार सिंह झब्बर का परिवार देश के बंटवारे के बाद इसी गांव में आकर रहने लगा था। इसलिए एसजीपीसी ने गांव हाबड़ी में यह कार्यक्रम रखा। इसमें जगीर कौर ने कहा कि जब भी देश-विदेशों में कोई आफत आई, सिखों ने हमेशा गुरु साहिब की शिक्षा पर चलते हुए मानवता के कल्याण, भलाई और सुविधा के लिए काम किया। फिर भी सिख कौम को नजरअंदाज किया जाना सही नहीं है। इस दौरान बीबी जगीर कौर ने हाबड़ी के गुरुद्वारा साहिब के लिए वित्तीय सहायता का एलान भी किया।