खेमकरण अस्पताल में सात डाक्टरों सहित 36 पद खाली
। राज्य सरकार द्वारा लोगों को सरकारी सेहत सेवाओं से जोड़ने के लिए भले ही कई दावे किए जाते हैं परंतु खेमकरण के अस्पताल में सेहत सुविधाएं ठीक न होने के कारण लोगों को निजी अस्पतालों की ओर जाना पड़ रहा है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, खेमकरण : राज्य सरकार द्वारा लोगों को सरकारी सेहत सेवाओं से जोड़ने के लिए भले ही कई दावे किए जाते हैं, परंतु खेमकरण के अस्पताल में सेहत सुविधाएं ठीक न होने के कारण लोगों को निजी अस्पतालों की ओर जाना पड़ रहा है। इस अस्पताल में डाक्टरों से लेकर दर्जा चार कर्मचारी तक कुल 36 पद खाली हैं, जिस कारण यहां की सेहत सेवाएं बीमार पड़ी हैं।
भारत-पाक सीमा के साथ सटे कस्बा खेमकरण के सरकारी अस्पताल से लंबे समय से सरकार ने सुध नहीं ली। इस अस्पताल में रोजाना 70 से 80 मरीजों की ओपीडी है, परंतु स्टाफ की कमी से मरीजों को दो चार होना पड़ता है। इतने पद खाली
पद कुल पद खाली
डाक्टर 10 7
फार्मासिस्ट 10 7
स्टाफ नर्स 6 3
क्लर्क 5 3
स्वीपर 10 7
दर्जा चार कर्मी 15 12 मरीज बोले, नहीं मिलती अच्छी सेवाएं
दवा लेने आए मरीज हरजिंदर सिंह, बलविंदर सिंह, जागीर सिंह, कुंदन सिंह, बहाल सिंह, जग्गा सिंह, जसबीर कौर, हरनाम कौर, प्रीतम कौर ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को सेहत सुविधाओं की अधिक जरूरत रहती है, क्योंकि यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। डाक्टरों और अन्य स्टाफ की पोस्टें खाली होने कारण अच्छी सेहत सुविधाएं नहीं मिल रही। अस्पताल में इन गांवों से आते हैं मरीज
सिविल अस्पताल खेमकरण में सेहत सेवाएं लेने के लिए गांव मस्तगढ़, महेंदीपुर, नूरवाला, गजल, रत्तोके, मीयांवाल, चक्कवालिया, माछीके, भूरा कोहना, नवें भूरे, चीमा, कालिया सकत्तरां, दूहलकोना, नौ दूहल, कलस, मनावां गांवों के लोग आते हैं। अस्पताल में बनाई जाती हैं फर्जी मेडिकल रिपोर्ट: भूरा
बार्डर एरिया किसान वेल्फेयर सोसायटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह भूरा, सिमरन गिल, राजवंत सिंह पत्तू, सरवन सिंह माछीके, हरजिंदर सिंह दूहल, मलकीत सिंह मस्तगढ़, गुरवंत सिंह, प्रताप सिंह भूरा का कहना है कि सरकारी अस्पताल में मरीजों को ढंग से नहीं मिलता। इतना ही नहीं सियासी दखल पर धारा 326, 307 के लिए फर्जी मेडिकल रिपोर्टे तैयार होती है। अस्पताल में भले ही स्टाफ की कमी है, परंतु मौजूदा स्टाफ द्वारा पूरी मेहनत करके अस्पताल चलाया जा रहा है। मरीजों को अच्छी सेवाओं के साथ मुफ्त दवा भी दी जाती है। लोगों की सुविधा के लिए अस्पताल में ओएसटी सेंटर भी चलाया जा रहा है। यहां से नशा छोड़ने वालों को मुफ्त दवा मिलती है। खाली पद भरने के लिए सरकार को लिखा जा रहा है।
- डा. संजीव कुमार, एसएमओ खेमकरण अस्पताल