परिवार में सुलह: पूर्व मंत्री गुरचेत भुल्लर नहीं लड़ेंगे चुनाव, बेटे सुखपाल को मिल सकती टिकट
पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर ने पार्टी हाईकमान को साफ कर दिया है कि वह विधानसभा का चुनाव लड़ने के मूड़ में नहीं है।
जासं, तरनतारन: पंजाब विधानसभा चुनाव लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा झमेले वाली टिकटों पर फैसला करने में लगातार की जा रही देरी का खेमकरण के मौजूदा विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर को लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि भुल्लर के पिता व पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर ने पार्टी हाईकमान को साफ कर दिया है कि वह विधानसभा का चुनाव लड़ने के मूड़ में नहीं है। कुल मिलाकर पारिवारिक कलह को समझौता करके निपटा दिया गया है। ऐसे में अब सुखपाल सिंह भुल्लर को यहां टिकट मिल सकती है।
वर्ष 2007 और 2012 में शिअद के विरसा सिंह वल्टोहा से चुनाव हारने वाले गुरचेत सिंह भुल्लर की टिकट काटकर सुखपाल सिंह भुल्लर को दी गई थी। युवा कोटे में सुखपाल सिंह भुल्लर ने टिकट लेकर जीत तो दर्ज करवाई, परंतु बड़े भाई अनूप सिंह भुल्लर (मेंबर जिला परिषद) व पिता गुरचेत सिंह भुल्लर (पूर्व मंत्री) को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया था। जिसके चलते भुल्लर परिवार में कलह के कारण सुखपाल सिंह भुल्लर की टिकट पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे। तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाली बैठे विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर अपने पिता व भाई को मनाने में कामयाब हो गए है। जिसके बाद गुरचेत सिंह भुल्लर ने पार्टी हाईकमान को साफ कर दिया है कि वह खुद चुनाव लडऩे के मूड़ में नहीं। भुल्लर के इस फैसले के बाद अब सुखपाल सिंह भुल्लर को टिकट मिलना तय हो चुका है। सुखपाल सिंह भुल्लर कहते है कि उनके परिवार में आपसी तौर पर कोई विरोधता नहीं। खेमकरण की सीट से कांग्रेस की शानदार जीत लिए पूरा परिवार मेहनत कर रहा है, यह मेहनत रंग लाएगी।