सिंघु बार्डर पर आंदोलन में शामिल किसान की तबीयत बिगड़ने से मौत
साढ़े चार माह से दिल्ली के सिंघु बार्डर पर धरना दे रहे गांव पंडोरी रणसिंह वाला निवासी के किसान कश्मीर सिंह (65) की मौत हो गई। वे कुछ दिनों से बीमार थे।
जासं, तरनतारन : साढ़े चार माह से दिल्ली के सिंघु बार्डर पर धरना दे रहे गांव पंडोरी रणसिंह वाला निवासी के किसान कश्मीर सिंह (65) की मौत हो गई। वे कुछ दिनों से बीमार थे। कश्मीर सिंह का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
विधानसभा हलका तरनतारन के गांव पंडोरी रणसिंह वाला निवासी कश्मीर सिंह सात एकड़ जमीन का मालिक था। उसके तीन लड़के व दो लड़कियां शादीशुदा हैं। किसान कश्मीर सिंह नवंबर माह से दिल्ली के सिघु बार्डर पर किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, महासचिव सरवण सिंह पंधेर की अगुआई में धरने में शामिल था। 12 अप्रैल को कश्मीर सिंह की अचानक सेहत खराब हुई। प्रथम उपचार के लिए कश्मीर सिंह को दिल्ली के निजी अस्पताल दाखिल करवाया गया, वहां से उसे शनिवार को गांव पंडोरी रणसिंह लाया गया। यहां पर रविवार को उसकी मौत हो गई। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) का झंडा डालकर किसान कश्मीर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर पार्टी नेता हरप्रीत सिंह सिधवां, तेजिदर पाल सिंह राजू रसूलपुर, धन्ना सिंह लालूघुम्मण, बलजीत सिंह, सुखदेव सिंह, बगीचा सिंह, जनमेजा सिंह ने कश्मीर सिंह को श्रद्धांजलि भेंट करते कहा कि किसान हितों के लिए कश्मीर सिंह ने अपनी जान दी है। किसान नेताओं ने मांग करते कहा कि कश्मीर सिंह के परिवार को पांच लाख की माली मदद व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
बता दें कि इससे एक दिन पहले भी तरनतारन जिले के गांव भोजियां निवासी बरकत सिंह की आंदोलन से वापस आते मौत हो गई थी। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता बलजीत सिंह (बघेल सिंह वाला) ने बताया कि 56 वर्षीय मजदूर बरकत सिंह 20 मार्च को किसान-मजदूर जत्थे के साथ दिल्ली धरने में गया था। नौ अप्रैल को लौटते समय करनाल के पास बरकत सिंह की तबीयत खराब हो गई। उसे उपचार के बाद सिविल अस्पताल तरनतारन दाखिल करवाया गया। यहां से सेहत में सुधार नहीं हुआ। इसके चलते बरकत सिंह को गुरु नानक देव अस्पताल, अमृतसर भेज दिया गया। पर वहां बरकत सिंह की मौत हो गई।