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ग्राउंड रिपोर्ट : सूरज ढलते ही शुरू हो जाती हैं शराब की भट्ठियां, पिछले साल यहां हुई थी जहरीली शराब से मौतें

31 जुलाई 2020 का वो दिन पंजाब के इतिहास के काले पन्नों में आज भी दर्ज है। इस दिन को यदि कोई याद करता है तो वह सिहर उठता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 03:00 AM (IST)
ग्राउंड रिपोर्ट : सूरज ढलते ही शुरू हो जाती हैं शराब की भट्ठियां, पिछले साल यहां हुई थी जहरीली शराब से मौतें
ग्राउंड रिपोर्ट : सूरज ढलते ही शुरू हो जाती हैं शराब की भट्ठियां, पिछले साल यहां हुई थी जहरीली शराब से मौतें

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : 31 जुलाई 2020 का वो दिन पंजाब के इतिहास के काले पन्नों में आज भी दर्ज है। इस दिन को यदि कोई याद करता है तो वह सिहर उठता है। यह दिवस जिले के उन परिवारों के लिए बहुत मनहूस था, जिनके सदस्य जहरीली शराब पीने से मौत के मुंह में चले गए या फिर उनकी आंखों की रोशनी जाने के बाद जिदगी में अंधेरा छा गया। जहरीली शराब से जिले में 112 लोगों की मौत को शनिवार को एक साल हो जाएगा मगर अभी भी गांवों में हालात वही हैं।

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दैनिक जागरण ने जिले के उन गांवों में पड़ताल की जहां पर जहरीली शराब से सबसे अधिक मौतें हुई थीं। गांव पंडोरी गोला में नौ, संघा में चार, नौरंगाबाद में आठ, भुल्लर में आठ, कक्का कंडियाला में सात, शहर के मोहल्ला गोकुलपुरा में छह, मुरादपुर में सात, गुरु तेग बहादुर नगर में छह लोगों लोगों की मौत हुई थी। पुलिस प्रशासन ने भले ही कई दावे किए, परंतु दैनिक जागरण की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि सूरज ढलते ही गांवों में अवैध शराब निकालने के लिए भट्ठियां शुरू हो जाती हैं। इन गांवों में पुलिस की रेड बहुत कम होती है। अगर हो भी तो पहले से ही गांवों में फोन की घंटियां बज जाती हैं। इन गांवों में कुछ रसूख वाले ऐसे लोग भी हैं, जिनके घरों में शराब की भट्ठियां पक्के तौर पर फिट की गई हैं। जरूरत के मुताबिक भट्ठी चालू करके देसी शराब की कशीदगी की जाती है। अवैध शराब का कोराबर थमा नहीं मौतों के बाद महंगी हुई थैली

जहरीली शराब से लोगों की मौत के बाद अवैध शराब का कारोबार थमा नहीं। केवल महंगी हुई है तो प्लास्टिककी वह थैली, जिसमें शराब डालकर बेची जाती है। पहले यह 100 रुपये में बिकती थी। अब उसका दाम 200 से 250 रुपये तक पहुंच गया है। 20 रुपये में बिकने वाली गिलासी अब 35 से 40 रुपये में बेची जाती है। प्लास्टिक की थैली में एक बोतल, आधी बोतल व क्वार्टर के हिसाब से शराब बिक रही है। लगातार की जाती है छापामारी: एसएसपी

अवैध शराब के मामले में पुलिस की ओर से पूरी सख्ती बरती जाती है। पुलिस की कोशिश रहती है कि किसी भी गांव में नशा आदि न बिके। जो लोग चोरी-छिपे अभी भी अवैध शराब का कारोबार करते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। डीएसपी रैंक के अधिकारी की अगुआई में पुलिस टीमें बनाकर समय-समय पर गांवों में छापामारी की जाती है। अवैध शराब के मामले में पुलिस किसी से भी कोई रियायत करने के मूड़ में नहीं है। -ध्रुमन एच निबाले, एसएसपी तरनतारन


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