Move to Jagran APP

श्री दरबार साहिब की ऐतिहासिक दर्शनी ड्योढ़ी गिराने पर विवाद, SGPC ने गठित की कमेटी

तरनतारन के श्री दरबार साहिब की ऐ‍तिहासिक दर्शनी ड्योढ़ी गिराने जाने से विवाद पैदा हो गया है। इसकी जांच के लिए एसजीपीसी ने कमेटी गठित की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 02:21 PM (IST)
श्री दरबार साहिब की ऐतिहासिक दर्शनी ड्योढ़ी गिराने पर विवाद, SGPC ने गठित की कमेटी
श्री दरबार साहिब की ऐतिहासिक दर्शनी ड्योढ़ी गिराने पर विवाद, SGPC ने गठित की कमेटी

तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। तरनतारन में श्री दरबार साहिब की ऐतिहासिक दर्शनी ड्योढ़ी को गिराए जाने के बाद विवाद हो गया। ड्योढी गिराए जाने का नोटिस लेते हुए एसजीपीसी ने श्री दरबार साहिब के मैनेजर को निलंबित कर जांच के लिए दो कमेटियों का गठन कर दिया है। इस ड्योढ़ी का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह के पोते  कंवर नौनिहाल सिंह ने 1839 में कराया था।

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार, शनिवार-रविवार की रात करीब डेढ़ बजे बाबा जगतार सिंह कार सेवा वालों के सेवक बाबा बलवंत सिंह की अगुआई में करीब 200 सेवादारों ने दर्शनी ड्योढ़ी को गिराने पहुंचे। ड्योढ़ी का ऊपर वाला एक हिस्सा गिराए जाने से श्री दरबार साहिब की चरण गंगा व परिक्रमा में मलबा गिरा और संगमरमर भी टूट गया।

इसी दौरान आल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (संघा) के अध्यक्ष कश्मीर सिंह संघा, बीर खालसा इंटरनेशनल गतका दल के अध्यक्ष कंवलजीत सिंह व उपाध्यक्ष गुङ्क्षरदर सिंह लाडी सहित संगत ने वहां पहुंचकर बाबा जगतार सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना मिलने पर डीएसपी कमलजीत सिंह औलख पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और काम रुकवा दिया। तनाव को देखते हुए पुलिस बल को वहां तैनात किया गया है।

यहां पहुंचे एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि श्री दरबार साहिब के मैनेजर प्रताप सिंह को निलंबित कर जांच के लिए कमेटियां बना दी गई हैैं। बाबा जगतार सिंह से तरनतारन में कार सेवा वापस ले ली गई है।
दर्शनी ड्योढ़ी गिराकर दोबारा बनाने का हुआ था फैसला, विरोध के कारण लगाई रोक  
नानकशाही ईंटों से बनी दर्शनी ड्योढ़ी की हालत खस्ता होने पर एसजीपीसी ने जुलाई 2018 में इसे गिराकर दोबारा बनाने का फैसला किया था। यह सेवा बाबा जगतार सिंह कारसेवा वालों को सौंपी गई थी। एसजीपीसी महासचिव गुरबचन सिंह करमूवाला ने टक लगाकर कारसेवा का उद्घाटन किया भी किया लेकिन संगत के विरोध के चलते अक्टूबर 2018 में एक अन्य प्रस्ताव पारित कर कारसेवा पर रोक लगाकर मामले को पेंडिंग कर दिया था।
------

महाराजा रणजीत सिंह के पोते ने 1839 में बनवाई थी दर्शनी ड्योढ़ी

शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के पोते कंवर नौनिहाल सिंह ने 1839 में नानकशाही ईंटों से श्री दरबार साहिब तरनतारन की दर्शनी ड्योढ़ी बनवाई थी। पिछले साल इस ड्योढ़ी की मरम्मत करने की कारसेवा एसजीपीसी ने बाबा जगतार सिंह को दी थी। बाद में इसको दोबारा बनाने का फैसला लिया गया, पर संगत के विरोध पर एसजीपीसी ने यह मामला अक्टूबर 2018 में ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

इसके बावजूद बिना किसी सूचना के शनिवार आधी रात को दर्शनी ड्योढ़ी को गिराने का क्या मकसद था? यह साफ नहीं हो रहा है। शनिवार रात श्री दरबार साहिब के मुख्य गेट पर लगी लाइटों को बंद करके बाबा जगतार सिंह के अन्य सेवक बाबा बलवंत सिंह की अगुआई में लोग दर्शनी ड्योढ़ी पर कैसे चढ़े? वहीं दो घंटे तक दर्शनी ड्योढ़ी को तोड़ा जाता रहा, पर गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर प्रताप सिंह मौके पर नहीं पहुंचे, जिस कारण उन पर गाज गिरी।

बता दें कि दर्शनी ड्योढ़ी के उपर जाने वाला रास्ता श्री दरबार साहिब के भीतर (मुख्य गेट के साथ) है। इस रास्ते पर हमेशा ताला लगा होता है। रात को श्री दरबार साहिब के चारों द्वारों पर एसजीपीसी के सेवादार तैनात रहते हैं। करीब साढ़े 10 बजे के बाद कारसेवा संप्रदाय के लोग जब दर्शनी ड्योढ़ी पर चढ़े तो मुख्य द्वार पर तैनात कर्मियों ने इसकी सूचना अपने कार्यालय में क्यों नहीं दी? अगर सूचना दी गई थी तो मौके पर मैनेजर प्रताप सिंह का न पहुंचना संदेह पैदा करता है।

उधर, एसजीपीसी ने मामले की जांच के लिए दो कमेटियों का गठन किया है। इनमें से एक कमेटी में एसजीपीसी के मेंबर भगवंत सिंह सिआलका, भाई राम सिंह और गुरमीत सिंह बूह शामिल है। इसी तरह एसजीपीसी ने एक अन्य कमेटी भी बनाई। इस कमेटी में एसजीपीसी के मीत सचिव हरजीत सिंह लालूघुमण, इंचार्ज फ्लाइंग कुलदीप सिंह रोडे और एसडीओ (निर्माण) सुखविंदर सिंह को शामिल किया गया है।

मुझे बलि का बकरा बनाया : प्रताप सिंह

मैनेजर प्रताप सिंह ने कहा कि दर्शनी ड्योढ़ी की मरम्मत का प्रस्ताव 2017 में मेरी तैनाती के दौरान हुआ था। मेरे बाद मैनेजर बलविंदर सिंह उबोके के कार्याकाल के दौरान दर्शनी ड्योढ़ी को ढहाने का प्रस्ताव पारित हुआ। प्रताप सिंह ने दावा किया कि मुझे बलि का बकरा बनाया गया है।

दर्शनी ड्योढ़ी की दोबारा करवाई जाएगी मरम्मत : लोंगोवाल
एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि इस घटना से सिख कौम की भावनाओं को ठेस लगी है। तकनीकी माहिरों की निगरानी में एसजीपीसी द्वारा दर्शनी ड्योढ़ी की दोबारा मरम्मत करवाई जाएगी। इस घटना के बाद श्री दरबार साहिब में लगी कारसेवा बाबा जगतार सिंह संप्रदाय की सभी गोलकें हटा दी गई हैं।

एसजीपीसी का किया विरोध, लोंगोवाल का त्यागपत्र मांगा
सिख विद्वान भाई बलदेव सिंह वडाला ने कहा कि इसे गिराने का फैसला काफी निराशा भरा है। ऐतिहासिक स्थानों की सेवा संभाल करने में एसजीपीसी विफल रही है। एसजीपीसी अध्यक्ष को तुरंत त्याग पत्र देना चाहिए। उधर, सिरलत्थ खालसा जत्थेबंदी ने श्री दरबार साहिब के मुख्य गेट के सामने धरना देकर एसजीपीसी का विरोध किया। धरने में पीडीए प्रत्याशी परमजीत कौर खालड़ा, दल सरना के बलदेव सिंह सिरसा सहित अन्य शामिल थे। उन्होंने बाबा जगतार सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। जत्थेबंदी के मुखी भाई परमजीत सिंह अकाली ने कहा कि एसजीपीसी की मिलीभगत का मामला जगजाहिर हो चुका है।

एसजीपीसी प्रबंधकों को बदनाम करने की साजिश : डॉ. रूप सिंह
उधर अमृतसर में एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह ने इसे साजिश का हिस्सा बताया है, ताकि एसजीपीसी के प्रबंधकों को बदनाम किया जा सके। यह काम सीधे रूप में एसजीपीसी के कामों में दखल है। इसकी जांच करवाई जाएगी। इस प्राचीन ड्योढी को गिराने संबंधी अंतिम फैसला नहीं लिया गया था। बावजूद इसे गिरा दिया गया। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के अध्यक्ष के आदेशों पर मैनेजर को निलंबित करके हरियाणा के जींद के गुरुद्वारा साहिब में भेज दिया गया है। इस संबंधी आदेश जारी हो चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.