सोमवार को नहीं आई कांग्रेस की दूसरी सूची, वर्करों में छाई मायूसी
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची सोमवार को भी जारी नहीं हो पाई।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची सोमवार को भी जारी नहीं हो पाई। इंस कारण विधानसभा हलका खेमकरण और खडूर साहिब से प्रत्याशी कौन होगा, इस बाबत अभी भी दुविधा बनी हुई है। जिले में बाकी दो सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने के कारण कांग्रेसियों में मायूसी है। समझा जा रहा है कि मौजूदा विधायकों की टिकट काटने के फार्मूले पर पंजाब कांग्रेस की लीडरशिप जहां दुविधा में है, वहीं पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को इस पर अंतिम निर्णय ले सकती हैं। टिकट के लिए दिल्ली में डेरा डाल बैठे सिक्की
विधानसभा हलका खडूर साहिब से दो बार चुनाव जीते रमनजीत सिंह सिक्की टिकट के लिए दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं। दो बार विधायक बने सिक्की के साथ कंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी खड़े हैं। वे चाहते हैं कि सिक्की की टिकट न कटे। विधायक सिक्की की टिकट कटवाकर अपने बेटे उपदेश गिल को दिलाने में लगे कांग्रेसी सांसद जसबीर सिंह डिपा को अपनी ही पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप की नाराजगी झेलनी पड़ रही है, क्योंकि अभी तक कांग्रेस हाईकमान ने किसी सांसद को चुनाव मैदान में न उतारा है और न ही उनके परिवार में से किसी सदस्य को टिकट दी गई है। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डा. मनोहर सिंह, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा के बेटे व राणा गुरजीत सिंह के बेटे को टिकट मिलनी आसान नहीं लग रही। इसके चलते सांसद डिपा को बिना टिकट लिए लौटना पड़ सकता है। खेमकरण से भुल्लर परिवार में टिकट को लेकर फंसा है पेंच
उधर, खेमकरण के विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर की बजाय कांग्रेस हाईकमान उनके बड़े भाई अनूप सिंह भुल्लर या पिता गुरचेत सिंह भुल्लर को टिकट देने की सोच में है। हालांकि गुरचेत सिंह भुल्लर ने विधानसभा चुनाव लड़ने से सेहत का हवाला देते हुए साफ मना कर दिया था। परंतु सोमवार को पूर्व मंत्री भुल्लर खेमकरण के विभिन्न गांवों में बैठकें करते नजर आए। दरअसल,पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर अपने बड़े बेटे अनूप सिंह भुल्लर (मेंबर जिला परिषद) को विधानसभा हलका खडूर साहिब से टिकट दिलाने की हामी भर रहे हैं। हालांकि मौजूदा विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर तीन दिन से दिल्ली में डेरा डालकर अपनी टिकट बचाने का प्रयास कर रहे हैं। खेमकरण और खडूर साहिब की टिकटों का फैसला न होने से कांग्रेस पार्टी की चुनावी मुहिम लगातार ठंडी पड़ रही है, क्योंकि हलके के कई गांवों से संबंधित पंच-सरपंच पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सरवण सिंह धुन्न के साथ जुड़ रहे है।