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सुनवाई न होने पर वर्कर नाराज हो बदलने लगे पार्टी, तरनतारन में विधायकों को हो सकता है नुकसान

जिले की चारों विधानसभा सीटों पर इस समय कांग्रेस का कब्जा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 06:30 AM (IST)
सुनवाई न होने पर वर्कर नाराज हो बदलने लगे पार्टी, तरनतारन में विधायकों को हो सकता है नुकसान
सुनवाई न होने पर वर्कर नाराज हो बदलने लगे पार्टी, तरनतारन में विधायकों को हो सकता है नुकसान

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : जिले की चारों विधानसभा सीटों पर इस समय कांग्रेस का कब्जा है। कांग्रेस विधायकों की साढ़े चार वर्ष की कारगुजारी का जिक्र करें तो इसमें अहम रोल निभाने वाले बहुत सारे समर्थक यूटर्न के मूड़ में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के कार्यकाल में प्रशासनिक तौर पर सुनवाई न होने कारण कई कांग्रेसी अब अलग गुट बनाने में जुटे हुए हैं।

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दूसरा यह पहला मौका है कि सत्ता में होते हुए कांग्रेस पार्टी लंबे समय से जिला स्तर पर संगठन नहीं बना सकी। पार्टी से नाराज होकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनजीत सिंह घसीटपुरा ने अगस्त 2020 में त्यागपत्र देकर अकाली दल ज्वाइन कर ली थी। इसके बाद जिला कांग्रेस का कोई भी वारिस नहीं बन पाया। हालांकि प्रदेश कांग्रेस सचिव गुरमिदर सिंह रटौल कहते हैं कि आने वाले दिनों में पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से जिला स्तर पर कमेटियों का गठन कर दिया जाएगा। विधायक के अंदाज से नाखुश हैं समर्थक

तरनतारन से डा. धर्मबीर अग्निहोत्री विधायक हैं। यहां पर नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव न होने से उनके कई करीबी मायूस हैं। वहीं अपनी ही पार्टी की सरकार में सुनवाई न होने के कारण कई नेता सियासत से पीछे हटने लगे हैं क्योंकि यह नेता चाहते थे कि हलका विधायक उनकी मर्जी के मुताबिक काम करें। इस कारण कुछ नेताओं को विधायक का यह अंदाज हजम नहीं हो रहा। शिअद में जाने लगे कई कांग्रेसी

विधानसभा हलका पट्टी से हरमिदर सिंह गिल ने आदेश प्रताप सिंह कैरों को मात दी थी। नगर कौंसिल पट्टी के चुनाव में भी विधायक के करीबियों को पार्षद बनने का मौका मिला। परंतु दो माह में कई परिवार कैरों की अगुआई में अकाली दल में शामिल हो गए हैं। विधायक के दफ्तर इंचार्ज रह चुके वजीर सिंह पारस यह कहते हुए शिअद में चले गए कि उनकी लंबे समय से सुनवाई नहीं हो रही। डिपा के दखल से नाराज हैं सिक्की

विधानसभा खडूर साहिब से दूसरी बार जीत दर्ज करवाने वाले विधायक रमनजीत सिक्की की हलके से गैरहाजिरी चर्चा का विषय बनी हुई है। सांसद जसबीर सिंह डिपा की ओर से बेटे उपदेश गिल के माध्यम से इस हलके में दखलअंदाजी की जा रही है। विधायक सिक्की पार्टी हाईकमान के समक्ष इसको लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। सिक्की से नाराज कांग्रेसी अब डिपा का रुख करने लगे हैं। अपने ही घर से मिल रही है चुनौती

2017 में सुखपाल सिंह भुल्लर ने शिअद के विरसा सिंह वल्टोहा को मात दी थी। खडूर साहिब हलके में नशे से युवाओं की मौत का सिलसिला कांग्रेस के लिए मुसीबत बना हुआ है। विधायक भुल्लर को अपने ही घर से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। विधायक के बड़े भाई अनूप सिंह भुल्लर अलग गुट तैयार करके आने वाले चुनाव में जलवा दिखाने की तैयारी में हैं।


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