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विदेशाी पक्षियों की आमद से लगी बर्ड सेंक्चुअरी में रौनक

अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध प्राप्त हरिके बर्ड सेंक्चुअरी में सर्दी के मौसम में हर वर्ष हजारों की तदाद में विदेशी पक्षियों की आमद होती है। सर्दी जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है उसी प्रकार विदेशों से लंबी उड़ान भरकर आने वाले इन मेहमानों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 07:12 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 11:29 PM (IST)
विदेशाी पक्षियों की आमद से लगी बर्ड सेंक्चुअरी में रौनक
विदेशाी पक्षियों की आमद से लगी बर्ड सेंक्चुअरी में रौनक

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध प्राप्त हरिके बर्ड सेंक्चुअरी में सर्दी के मौसम में हर वर्ष हजारों की तदाद में विदेशी पक्षियों की आमद होती है। सर्दी जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है उसी प्रकार विदेशों से लंबी उड़ान भरकर आने वाले इन मेहमानों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसके चलते बर्ड सेंक्चुअरी का नजारा मनमोहक बन रहा है।

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दरिया ब्यास और सतलुज के संगम स्थान (हरिके पत्तन) की बर्ड सेंक्चुअरी में बड़े स्तर पर अवैध शराब का कारोबार किया जाता था। इसके खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा जंगली जीव और वन्य विभाग के अलावा आबकारी विभाग से मिलकर लगातार अभियान चलाया गया। नतीजा ये निकला है कि अवैध शराब में प्रयोग होने वाली लाहन के बड़े जखीरे बरामद करके नष्ट किए गए। साथ ही जंगली जीव और वन्य विभाग द्वारा दिन के समय गश्त बढ़ा दी गई। प्रशासन द्वारा बरती गई सख्ती के चलते बर्ड सेंक्चुअरी का पानी साफ होने लगा। इसके अच्छे नतीजे ये सामने आए कि अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह यहां पर विदेशी पक्षियों की आमद ने जोर पकड़ लिया। सोमवार तक करीब 16 हजार विदेशी पक्षियों की आमद होने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि जनवरी माह में विभाग द्वारा बर्ड सेंक्चुअरी में आए विदेशी पक्षियों की गिनती शुरू होगी। डालफिन अक्सर देती है दिखाई

जिला फिरोजपुर, कपूरथला व तरनतारन आधारित बर्ड सेंक्चुअरी का कुल क्षेत्रफल 4100 हेक्टेयर के करीब है। पर्यावरण और वन्य मंत्रालय की ओर से 1987-88 में इसे बर्ड सेंक्चुअरी के संरक्षण को उचित महत्व दिया गया। हर वर्ष यहां पर सर्दी के मौसम में विदेशी पक्षियों की आमद के दौरान सैलानियों की संख्या भी बढ़ जाती है। लाकडाउन के दौरान सतलुज दरिया का पानी साफी होने के पश्चात मई माह में यहां पर डालफिन दोबारा देखी गई थी। यहां पर पहली बार 2012-13 में डालफिन पाए जाने के बाद इसकी सुरक्षा बढ़ाई गई थी।

ये पहुंचे है विदेशी मेहमान

रूडी शैलडक, स्पून बिल्ज, पीड ओवोकेट, गड़वाल, गोडविट्स, रेड शाक, शाड पाइपर्स, गूलज, फैलकोन, मार्श हरीर, कूटस, कोवन पोचर्ड, बार हेडडगीज, ग्रे लैग गीज, कामन पोजन, ब्लेक कुडस, ग्रेहोर्न प्रजातियों के विदेशी पक्षियों की आमद हो चुकी है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफओ प्रोजेक्ट अधिकारी गीतांजलि कंवर का कहना है कि विदेशी पक्षियों की आमद के मद्देनजर बर्ड सेंक्चुअरी में शिकारी न घुस पाए, इसके लिए ठोस प्रबंध किए गए है। हर वर्ष बढ़ रही है विदेशी पक्षियों की आमद

2016 में सर्दी के मौसम में बर्ड सेंक्चुअरी में 59,431 विदेशी पक्षी पहुंचे थे। एक वर्ष बाद इन पक्षियों की संख्या बढ़कर 64 हजार 974 तक पहुंच गई। 2018 में विदेशी पक्षियों की संख्या 81 हजार 971 आंकी गई। जबकि 2019 में यहां पर 91 हजार 125 विदेशी पक्षी पहुंचे थे। स्कूली बच्चों में करवाए जाएंगे मुकाबले : मरहाणा

नेचर केयर सोसायटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह संधू मरहाणा का कहना है कि सर्दी के मौसम में बर्ड सेंक्चुअरी में प्रत्येक वर्ष विदेशी पक्षियों की आमद में वृद्धि होना इस बात का संकेत है कि बर्ड सेंक्चुअरी का पर्यावरण लगातार बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसके महत्व को लेकर स्कूली विद्यार्थियों में पोस्टर मेकिंग, भाषण और लेखन मुकाबलों का आयोजन करवाया जाएगा। नेचर केयर सोसायटी की ओर से अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।


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