कोल्ड ड्रिंक व्यापारी अनूप ने भिखारी नहीं सात साल पुराने नौकर का किया था कत्ल
पांच दिसंबर की सुबह गांव बूह के समीप कार के पास बुरी तरह से जले हुए मिले शव की पुलिस ने पहचान कर ली है।
अभिषेक जोशी, हरिके पतन (तरनतारन) : पांच दिसंबर की सुबह गांव बूह के समीप कार के पास बुरी तरह से जले हुए मिले शव की पुलिस ने पहचान कर ली है। मरने वाला व्यक्ति कोई भिखारी नहीं, बल्कि अमृतसर के व्यापारी अनूप सिंह का सात साल पहले निकाला गया नौकर बब्बा था। जिसे दोबारा नौकरी पर रखने के नाम पर चार दिसंबर की रात को आरोपित अनूप सिंह ने अपने भाई करनजीत सिंह व दोस्त काका करन सिंह से मिलकर कत्ल किया था।
कोल्ड ड्रिंक व्यापारी अनूप सिंह ने अपनी हत्या का झूठा ड्रामा रचने लिए अपने भाई करनजीत सिंह व दोस्त काका करन के साथ ऐसी योजना बनाई थी कि पुलिस की आंखों में धूल पड़ी रहे।
एसएसपी ध्रुव दहिया ने दैनिक जागरण को बताया कि अनूप सिंह पर 75 लाख का कर्ज था। उसका 36 लाख का बीमा हुआ था। फरवरी महीने में अनूप सिंह का विवाह तय किया गया था, जबकि फरवरी महीने में उसकी बहन नेन्सी की शादी थी। अनूप सिंह ने अपने भाई करनजीत सिंह और नौकर से दोस्त बना काका करन सिंह के साथ मिलकर योजना बनाई थी कि लोग समझे कि उसका (अनूप) का कत्ल हो गया है, ऐसे में कर्ज लेने वालों से निजात मिल जाएगी और बीमे की 36 लाख की राशि भी मिल जाएगी।
सात साल बाद नौकरी देने के लिए बुलाया था बब्बा को, तीनों ने शराब पीकर किया था कत्ल
एसएसपी दहिया ने बताया कि चार दिसंबर की रात को तीनों ने मिलकर सात वर्ष पहले काम से निकाले नौकर बब्बा (27) पुत्र अमरनाथ (निवासी गली फाटक वाली तरनतारन रोड अमृतसर) को यह कहते कार में बिठाया कि उसे दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। रास्ते में चारों लोग कार में ही शराब पीते रहे। अनूप का भाई करनजीत सिंह कार चलाता हुआ हरिके पतन के इलाके में पहुंचा। गांव बूह के समीप कार में ही शराब का तीसरा पैग उक्त बब्बा को पिलाने लिए तैयार किया, फिर कार की पिछली सीट पर बैठे काका करन अमृतसरिया और अनूप सिंह ने उसकी दोनों बाजू पकड़ी। करनजीत सिंह ने बब्बा के गले को उसतरे से काटना चाहा। परंतु शरीरिक तौर पर ताकतवर होने पर बब्बा ने विरोध किया, जिस दौरान तीनों ने मिलकर दातर से उसके पेट पर वार किया। फिर लगातार तीन वार करते हुए उसके गुप्तांग वाली जगह को बुरी तरह से नोच डाला। मृतक बब्बा को कार से बाहर सड़क पर मुंह के बल फेंक मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, पास ही अनूप सिंह का आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम व कुछ तस्वीरें फेंक डाली। ताकि पुलिस उक्त शव को अनूप सिंह का शव समझें। एसएसपी दहिया ने बताया कि बब्बा के माता-पिता की मौत हो चुकी है। उसके तीन ओर भाई अलग तौर पर अपने-अपने परिवारों के साथ रहते है। शनिवार को आरोपित अनूप सिंह, उसके भाई करनजीत सिंह, दोस्त काका करन को पुलिस रिमांड खत्म होने पर अदालत में पेश किया गया, अदालत ने तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया है।