जिद पर अड़े सफाई कर्मी, प्रशासन ब्रेफिक्र
मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी यूनियन पिछले 16 दिनों से नगर कौंसिल कार्यालय के गेट पर रोष प्रदर्शन कर रही।
जासं, तरनतारन : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी यूनियन पिछले 16 दिनों से नगर कौंसिल कार्यालय के गेट पर रोष प्रदर्शन कर रही। वहीं पूरे कूड़ा न उठाए जाने से शहर में जगह-जगह गंदगी के अंबार लगने शुरू हो गए हैं। जिससे उठ रही दुर्गध से लोग परेशान हो रहे हैं।
श्री गुरु अर्जुन देव खालसा कालेज, एसजीएडी खालसा स्कूल के आसपास कूड़े के ढेर बढ़ रहे हैं। इस रोड पर पार्क और ग्राउंड में कूड़े के ढेर आम हो चुके हैं। पूर्व पार्षद डा. सुखदेव सिंह लौहका के क्लीनिक के बाहर कूड़ा इस कदर फैला है कि बाजार में पैदल चलना मुश्किल हो चुका है। राजेश सिंह रिकू, सविदर सिंह मल्ली, तिलक राज, गुरप्रीत गोल्डी, बलदेव सिंह बिल्ला के घरों के पास कूड़ा ही कूड़ा नजर आ रहा है।
नगर कौंसिल में तैनात 52 सफाई कर्मियों द्वारा हड़ताल पर जाने से शहर में कूड़े के ढेर लगे हुए है। बोहड़ी चौक से श्री दरबार साहिब को जाने वाले रास्ते पर शहर के युवाओं ने पूरा कूड़ा उठाकर बाजारों को भले ही साफ कर दिया है। परंतु राह जाते लोग कभी सरकार को कोसते हैं तो कभी नगर कौंसिल के अधिकारियों को। गंदगी से राहगीर भी परेशान राहगीर सेवा सिंह, रोशन लाल, जसबीर सिंह, बलविदर सिंह, मुख्त्यार सिंह गिल, तारा चंद, बलविदर सिंह का कहना है कि उन्होंने ऐसी हालत पहले कभी नहीं देखी। शिअद की पूर्व सरकार मौके भी सफाईकर्मी हड़ताल करते थे, लेकिन ऐसे हालात नहीं थे।
खुद फेंकते हैं कूड़ा
जिस क्षेत्रों में नगर कौंसिल के पक्के सफाई कर्मियों की सफाई की ड्यूटी है। उन क्षेत्रों के लोग अपने घरों का कूड़ा बोरियों में भरकर डंप के आसपास फेंकने जा रहे है। कूड़ा फेंकने आए जोगा सिंह, गुरप्रीत सिंह, बलजीत कौर, दलीप सिंह ने कहा कि जब तक सफाईकर्मी काम पर नहीं लौटते। उतनी देर तक वह खुद कूड़ा उठाने लिए मजबूर है। बैठकें की गई, लेकिन नहीं निकला कोई समाधान
सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रमेश शेरगिल ने कहा कि हलका विधायक से उम्मीदें थी, परंतु उन्होंने भी हमारी सुध नहीं ली। लगातार चार वर्ष से मांगों को लेकर हलका विधायक के साथ 14 बैठकें की। 21 बैठकें नगर कौंसिल के ईओ के साथ और तीन बैठकें एसडीएम के साथ हुई, परंतु नतीजा नहीं निकला। शेर गिल ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को भी शामिल किया जा चुका है। जितनी देर तक सरकार मांगे नहीं मानती, उतनी देर तक हड़ताल जारी रहेगी।