दीवाली के बाद भी शुरू नहीं हुई कसूर नाले की सफाई
गुरदासपुर से पाकिस्तान के शहर कसूर को जाने वाले निकासी नाले को कसूर नाले के नाम से जाना जाता है।
जागरण संवाददाता, तरनतारन: गुरदासपुर से पाकिस्तान के शहर कसूर को जाने वाले निकासी नाले को कसूर नाले के नाम से जाना जाता है। यह नाला शहर के भीतर से गुजरता है, जिसकी वर्षो से सफाई नहीं हो पाई। दीपावली के मौके नगर कौंसिल कर्मियों द्वारा शहर की सफाई के बाद यहां पर कूड़ा और गंदगी फेंकी गई थी, जिससे क्षेत्र के निवासी परेशान हैं।
शहर के वार्ड नंबर 2, 4, 5, 6, 13, 22 व 23 इसी कसूर नाले के साथ सटी है। गठजोड़ की पूर्व सरकार दौरान नगर कौंसिल के कर्मचारी जिस जगह पर कूड़ा डंप करते थे। उस जगह का मामला अदालत में चला गया था। अदालत के दखल पर नगर कौंसिल उक्त जगह पर अब कूड़ा डंप नहीं करता। नगर कौंसिल के कर्मचारी उक्त क्षेत्र के आसपास की सफाई के बाद यहां पर कूड़ा फेंकते आ रहे है। शहर की एक चौथाई आबादी कसूर नाले के आसपास बसी हुई है। सफाई कर्मियों द्वारा कूड़ा और गंदगी कसूर नाले में फेंक दी जाती है। हालांकि ड्रेनज विभाग द्वारा भी चार साल के दौरान कसूर नाले की सफाई नहीं करवाई गई।
जागीर सिंह, प्रमात्मा सिंह, दर्शन लाल, मंगल सिंह, जोगा सिंह, तरसेम सिंह, बिंदर कौर, नरिदर कौर, सोनिया राणी, कोमल कुमारी, गुलशन, दीदार सिंह, राम लाल, मेवा सिंह, फकीर सिंह का कहना है कि नगर कौंसिल के कर्मचारी कसूर नाले में लगातार कूड़ा फेंक रहे हैं, जिसके कारण बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है।
उधर, एसडीएम रजनीश अरोड़ा ने कहा कि कसूर नाले में कोई भी सफाईकर्मी कूड़ा नहीं फेंक सकता। इस बाबत नगर कौंसिल के ईओ को भी आदेश दिए गए हैं। ड्रेनज की सफाई बाबत संबंधित विभाग को पत्र निकाला जा रहा है।
कई बार की जा चुकी है शिकायत
कसूर नाले के पास 100 बेड वाला अस्पताल है। कई बार ड्रेन में फैली गंदगी की दुरगंद अस्पताल की ओर फैलती है। सिविल सर्जन का रिहायश कैंपस व सेहत कर्मियों के क्वार्टरों तक दुरगंद होती है। इस बाबत सेहत विभाग द्वारा भी नगर कौंसिल को कई बार शिकायत की जा चुकी है।