बहन की डोली उठने से पहले उठी भाई की अर्थी
आशीष पाठक (26) की मौत पर उसके दोस्तों ने इंटरनेट मीडिया पर अपना दर्द बयां किया।
संवाद सूत्र, पट्टी: 'रहने को सदा यहां आता नहीं कोई, जैसे तुम गए ऐसे तो जाता नहीं कोई..'। इन सतरों से शहर के आशीष पाठक (26) की मौत पर उसके दोस्तों ने इंटरनेट मीडिया पर अपना दर्द बयां किया। आशीष पाठक की मौत उस समय हुई जब बहन की शादी से पहले शगुन की रस्म हुई और वह परिवार के साथ खुशी में भंगड़ा डाल रहा था। इसी दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
मिठाई के कारोबारी राकेश पाठक की बेटी की शादी थी। बुधवार शाम शगुन की रस्म अदा की गई। इसके बाद पैलेस में डीजे पर परिवार के सभी सदस्य भंगड़ा डालने लगे। आशीष पाठक भी अपनी बहन व परिवार के साथ खुशी में नाच रहा था कि कि अचानक उसे दिल का दौरा पड़ गया। उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वीरवार को उसकी बहन की डोली रुख्सत करने से पहले आशीष पाठक के शव का अंतिम संस्कार किया गया। विधायक हरमिंदर सिंह गिल, पूर्व मंत्री आदेश प्रताप कैरों, एसजीपीसी मेंबर खुशविंदर सिंह भाटिया, दलबीर सिंह सेखों, वजीर सिंह पारस, सुखविंदर सिंह सिद्धू, आम आदमी पार्टी के रंजीत सिंह चीमा ने राकेश पाठक व उसके परिवार के साथ हमदर्दी प्रकट की। परिवार में मातम के बीच महिला की बाली झपटी
आशीष पाठक की मौत की खबर मिलते ही घर में मातम छा गया। विवाह की खुशी में शरीक होने आए मेहमान गमगीन माहौल के बीच आशीष के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दौरान एक युवक वहां मौजूद एक महिला के कान से सोने की बाली झपट कर फरार हो गया।