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हरिके पत्तन का बदला माहौल, सर्दी का मौसम शुरू होते ही पहुंचे विदेशी 'मेहमान'

सर्दी का मौसम शुरू होते ही हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में विदेशी पक्षियों की चहचहाहट सुनने लगी है। पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों की संख्या में विभिन्न प्रजातियों के विदेशी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। रोजाना इनकी संख्या बढ़ रही है।

By Edited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 12:35 PM (IST)
हरिके पत्तन का बदला माहौल, सर्दी का मौसम शुरू होते ही पहुंचे विदेशी 'मेहमान'
हरिके पत्तन में चहचहाते हुए विदेशी पक्षी (जागरण)

हरिके पत्तन, जेएनएन। सर्दी का मौसम शुरू होते ही हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में विदेशी पक्षियों की चहचहाहट सुनने लगी है। पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों की संख्या में विभिन्न प्रजातियों के विदेशी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। रोजाना इनकी संख्या बढ़ रही है। हरिके में इन पक्षियों को रौनक अगले छह महीने तक दिखाई देगी। कोरोना काल के दौरान लगे लाकडाउन में दरिया ब्यास व सतलुज का पानी काफी साफ हो गया था। यही कारण है कि दोनों दरियाओं के संगम स्थान हरिके पत्तन बर्ड सेक्चुअरी में वातावरण शुद्ध होने के कारण पक्षियों की आमद इस बार जल्दी शुरू हो गई है।

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गत वर्ष बर्ड सेंक्चुअरी में एक लाख के करीब विदेशी पक्षी आए थे, जबकि इस बार इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट अधिकारी गीतांजलि कंवर ने बताया कि इस बार अधिक सर्दी पड़ने की उम्मीद है, इसके चलते साइबेरिया, रूस, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान के अलावा यूरोप से विदेशी पक्षियों की तेजी से आमद होने वाली है।

एक सप्ताह में नजर आए ये पक्षी

कामन पोचार्ड - स्पून विल - ग्रेहोरन - रूडी शैल डाक - ग्रेलेग - ब्लैक कूट

तीन दिन में कई बार देखी गई डालफिन

हरिके पत्तन स्थित बर्ड सेंक्चुअरी में डालफिन भी लगातार दिखाई दे रही हैं। बीते दिन में ही गांव घड़का, चक्क देसल, गगड़ेवाल, धूंदा के क्षेत्र में डालफिन आम देखी गई। यहां पर सबसे पहले 2013 में डालफिन देखी गई थी। माहिरों की मानें तो अब यहां दस के करीब डालफिन हैं।

शिकारियों पर कसा जाए शिकंजा

पर्यावरण प्रेमी मंजीत शर्मा ने कहा कि हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुअरी में सात साल से लगातार डालफिन देखी जा रही हैं। हर वर्ष यहां पर डालफिन का मौजूद होना देश के लिए गर्व की बात है। बर्ड सेंक्चुअरी में शिकारियों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए।

डालफिन वाले क्षेत्र में बढ़ाई गई गश्त: कमलजीत

जंगली जीव विभाग के रेंज अधिकारी कमलजीत सिंह ने कहा कि विदेशी पक्षियों की आमद होते ही विभाग पहले से अधिक सतर्क हो गया है। जिस क्षेत्र में डालफिन देखी जा रही है, वहां पर बकायदा गश्त बढ़ा दी गई है। किसी को शिकार करने की इजाजत नहीं है।

बच्चों में होंगे मुकाबले

नेचर केयर सोसायटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह मरहाणा ने कहा कि बर्ड सेंक्चुअरी में विदेशी पक्षियों की आमद समय से पहले शुरू होना शुभ संकेत है। इस बार स्कूली बच्चों में बर्ड सेंक्चुअरी को लेकर पोस्टर मुकाबले करवाए जाएंगे, जिसमें डालफिन के महत्व पर रोशनी डाली जाएगी।


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