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मिल्क प्लांट के एरिया इंचार्ज पर दूध उत्पादकों को परेशान करने का आरोप

। मिल्क प्लांट वेरका द्वारा पट्टी क्षेत्र से संबंधित दूध उत्पादकों को सियासी रंजिश का शिकार बनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 05:26 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 05:26 PM (IST)
मिल्क प्लांट के एरिया इंचार्ज पर दूध 
उत्पादकों को परेशान करने का आरोप
मिल्क प्लांट के एरिया इंचार्ज पर दूध उत्पादकों को परेशान करने का आरोप

जागरण संवाददाता, तरनतारन : मिल्क प्लांट वेरका द्वारा पट्टी क्षेत्र से संबंधित दूध उत्पादकों को सियासी रंजिश का शिकार बनाया जा रहा है। अगर यह व्यवहार न बदला गया तो मिल्क प्लांट वेरका के खिलाफ धरना दिया जाएगा।

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पंजाब एकता पार्टी (बॉर्डर किसान यूनियन) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह भूरा ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के चलते किसान पहले से ही परेशान हैं। अब मिल्क प्लांट वेरका का स्टाफ दूध उत्पादक किसानों को राजनीति के तहत निशाना बना रहा है।। पट्टी कस्बे से संबंधित मिल्क प्लांट के इंचार्ज ने दूध प्राप्त करने के लिए हेल्पर रखा है, जो गांवों में बिना जांच किए दूध की गुणवत्ता सही न होने का बहाना बनाकर दूध नहीं उठाता। भूरा ने बताया कि गांव बाठ का 518 लीटर, ढोटियां का 240 लीटर, रत्तागुद्दा का 650 लीटर, प्रिंगड़ी का 910 लीटर, तुंग का 805 लीटर व सभरा का 650 लीटर दूध नहीं उठाया गया। संबंधित गांवों के सरकारी सभाओं के सचिवों ने बताया कि मिल्क प्लांट वेरका के अधिकारियों को जानकारी देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। दूध उत्पादकों की परेशानी से पंजाब एकता पार्टी के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैहरा को अवगत करवाया गया है।

खैहरा द्वारा किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भूरा से रिपोर्ट मांगी गई। भेजी रिपोर्ट में बताया गया है कि एरिया इंचार्ज द्वारा रखे गए हेल्पर के पास कोई ऐसी जादू की छड़ी नहीं है, जिससे वह दूध की गुणवत्ता जांच कर बता सके। उन्होंने बताया कि उन्हीं किसानों का दूध उठाया जा रहा है, जो सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि मिल्क प्लांट वेरका के अधिकारियों को भी जांच करनी चाहिए कि रोजाना हजारों लीटर दूध न उठाने के पीछे आखिर सच्चाई क्या है। उन्होंने चेतावनी दी कि दो दिन के भीतर अगर ठोस कार्रवाई न हुई तो मिल्क प्लांट वेरका के बाहर भूख हड़ताल की जाएगी।

मामले की जांच के आदेश दिए हैं: डीसी

डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी कहते हैं कि मिल्क प्लांट वेरका द्वारा दूध न उठाने की शिकायत आई है। उसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। दूध की गुणवत्ता की जांच बिना उसे रिजेक्ट कर देना बर्दाशत नहीं होगा। दूध उत्पादकों और मिल्क प्लांट वेरका के अधिकारियों को इस जांच में शामिल किया जाएगा।

दूध की खरीद में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा: गुरदेव सिंह

वेरका मिल्क प्लांट के खरीद मैनेजर गुरदेव सिंह सरहाली ने कहा कि दूध की खरीद को लेकर क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाता। न ही दूध खरीदने में कोई भेदभाव किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि तरनतारन जिले से प्रत्येक दिन में 47 हजार लीटर के करीब दूध की खरीद की जाती है। जिसका दस दिन में भुगतान यकीनी बनाया जाता है। एक माह में खरीदे गए दूध का तीन किश्तों के माध्यम से भुगतान किया जाता है। किसी भी गांव से दूध ना खरीदने

की कोई शिकायत नहीं मिली।


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