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तरनतारन में पांच माह में मिले एड्स के 86 नए मरीज

एड्स का नाम सुनते ही हर किसी इंसान के पैरों तले जमीन खिसक जाती है क्योंकि यह रोग जानलेवा है। दुखद है कि तरनतारन में यह बीमारी तेजी से पैर पसार रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 11:58 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 06:28 AM (IST)
तरनतारन में पांच माह में मिले एड्स के 86 नए मरीज
तरनतारन में पांच माह में मिले एड्स के 86 नए मरीज

जागरण संवाददाता, तरनतारन : 'एड्स' का नाम सुनते ही हर किसी इंसान के पैरों तले जमीन खिसक जाती है, क्योंकि यह रोग जानलेवा है। दुखद है कि तरनतारन में यह बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। इसका मुख्य कारण नशा माना जा रहा है। पांच माह के दौरान सिविल अस्पताल में एड्स के 86 नए मरीज मिल चुके हैं। इनमें 17 महिलाएं भी शामिल हैं।

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सिविल अस्पताल तरनतारन से मिले आंकड़ों के मुताबिक जनवरी माह के दौरान 15 लोग एड्स पीड़ित पाए गए। इनमें से 12 पुरुष व तीन महिलाएं हैं। फरवरी माह में कुल 17 लोग इस नामुराद बीमारी की चपेट में पाए गए। इनमें दो महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं। मार्च माह में रोग से प्रभावित 13 लोगों की पहचान हुई, जिनमें पांच महिलाएं शामिल हैं। अप्रैल में मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया। कुल 20 लोग बीमारी से प्रभावित मिले। इनमें 17 पुरुष व तीन महिलाएं शामिल हैं। मई महीने में एड्स से प्रभावित 21 लोगों की पहचान की गई। इनमें महिलाओं की संख्या पांच व पुरुषों की संख्या 16 है।

नशे के लिए कई युवा करते हैं एक ही सुई का प्रयोग : सीएस

नशे से यह इलाका बुरी तरह से प्रभावित रहा है। सरकार द्वारा नशे पर नकेल कसने लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके चलते नशा महंगा हुआ है। इस कारण युवा अब टीका लगाने लगे हैं। कई-कई युवक एक ही सूई का प्रयोग करते हैं। सूई के माध्यम से एड्स के कीटाणु एक से दूसरे के शरीर में प्रवेश कर रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ. अनूप कुमार कहते हैं कि नशा करने वाले लोग जब सूई का प्रयोग करते हैं तो लालच में आकर सूई नहीं बदलते। इस कारण तरह-तरह की बीमारियां एक से दूसरे शरीर में प्रवेश करती हैं।


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