लॉकडाउन के बाद अब तक 32 लोगों ने छोड़ा नशा
26 अक्टूबर 2017 को आउटपेशेंट ओपीडी एसिस्टड ट्रीटमेंट (ओट सेंटर) की शुरूआत की गई थी।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन
पंजाब सरकार द्वारा लोगों को नशे से बचाने व असरदार इलाज की सहूलतें प्रदान करते हुए जिले में 26 अक्टूबर 2017 को आउटपेशेंट ओपीडी एसिस्टड ट्रीटमेंट (ओट सेंटर) की शुरूआत की गई थी। जिले में कुल 14 ओट सेंटर चल रहे हैं। यहां पर नशा छोड़ने का इलाज करवाने वालों की रजिस्ट्रेशन 17402 तक पहुंची है। यह सेंटर सुबह आठ से दो बजे सातों दिन खुले रहते हैं। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जिले के ओट क्लीनिकों में नशे की आदत से छुटकारा पाने लिए मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। नशे की पूर्ति न होने पर युवाओं ने नशे से तौबा करने की ठान ली थी। इसके चलते इन सेंटरों में मार्च माह से अब तक 4533 नए मरीजों की रजिस्ट्रेशन हुई है। डोज का नहीं होता दुरुपयोग: डॉ. धवन
नशा छुड़ाओ सेंटर इंचार्ज डॉ. ईशा धवन ने बताया कि प्रदेश को नशा मुक्त बनाने लिए इस प्रोग्राम का आरंभ किया गया था। इसके तहत ओट क्लीनिकों में टीबी के मरीजों की तरह ओपीआइओडी मरीज को सामने बिठाकर दवाई खिलाई जा रही है। ऐसा करने का मकसद मरीज को दी गई डोज का दुक्रुपयोग रोकना है, जिसमें लगातार सफलता मिल रही है। युवा ले रहे नशा छोड़ने की दवा : डीसी
डीसी कुलवंत सिंह धूरी ने बताया कि मार्च माह से अब तक 32 मरीजों ने नशे की गोली लेना छोड़ा दिया है, जिनका समय-समय पर रूटीन चैकअप किया जा रहा है। लॉकडाउन में अधिक युवाओं ने नशा छोड़ने के लिए सरकारी अस्पतालों में पहुंच की। सेंटरों में तैनात स्टाफ द्वारा प्रत्येक मरीज की कौंसलिंग भी की जाती है।