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सिख धर्म अपनाने के बाद 2.16 लाख किमी की साइकिल यात्रा कर चुके हैं अमनदीप सिंह

कर्नाटक के शहर चिकत्तपति निवासी रामरेडी के घर में पैदा हुए महादेव जब बेंगलुरू के गुरुद्वारा साहिब में पढ़ने गए तो वहां पर सिख इतिहास सुनकर ऐसे प्रभावित हुए कि सिख धर्म अपना लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 06:33 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 06:33 PM (IST)
सिख धर्म अपनाने के बाद 2.16 लाख किमी की साइकिल यात्रा कर चुके हैं अमनदीप सिंह
सिख धर्म अपनाने के बाद 2.16 लाख किमी की साइकिल यात्रा कर चुके हैं अमनदीप सिंह

जागरण संवाददाता, तरनतारन : कर्नाटक के शहर चिकत्तपति निवासी रामरेडी के घर में पैदा हुए महादेव जब बेंगलुरू के गुरुद्वारा साहिब में पढ़ने गए तो वहां पर सिख इतिहास सुनकर ऐसे प्रभावित हुए कि सिख धर्म अपना लिया। महादेव से अमनदीप सिंह खालसा बनते ही बीए की पढ़ाई की और सिख धर्म का प्रचार करने लगे।

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अमनदीप सिंह खालसा ने समाज में बढ़ रही बुराइयों दहेज, भ्रूण हत्या, नशा और जातिवाद के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए एक जनवरी 2008 को साइकिल यात्रा शुरू की। 10 वर्ष के समय में अमनदीप सिंह खालसा ने दो लाख 16 हजार किलोमीटर का सफर साइकिल पर किया है। 50 हजार की राशि और कुछ जरूरी सामान लेकर अमनदीप ने साइकिल यात्रा शुरू की।

दैनिक जागरण को अमनदीप खालसा ने बताया कि वह 10 साल की साइकिल यात्रा के दौरान 8 साइकिल, 52 टायर बदल चुके हैं। अमनदीप सिंह खालसा को कन्नड़ तेलुगू, तमिल, पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान है। उन्होंने बताया कि साइकिल पर यात्रा के दौरान अब तक दो लाख की राशि खर्च कर चुके हैं। खालसा ने सिख परिवार में अपना विवाह करवाया। उनकी बेटी अमनप्रीत कौर जिला अमृतसर के गांव उदोके में ब्याही है। उनका लड़का स्वर्ण सिंह यूएसए में डॉक्टर हैं। वर्षों पहले अमृतपान कर चुके खालसा देश के 20 राज्यों की यात्रा कर चुके हैं।


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