किसान आंदोलन से लौटी महिला की मौत, किसानों ने की मुआवजा देने की मांग
कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर चल रहे धरने में शामिल महिला की मौत।
संवाद सूत्र, दिड़बा (संगरूर) :
कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। संघर्ष के चलते गांव खेतला की साठ वर्षीय महिला की किसान संघर्ष के दौरान बीमारी के चलते अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।
गौर हो कि राज कौर निवासी गांव खेतला छह मार्च को दिल्ली बार्डर पर आठ मार्च को मनाए जाने वाले महिला दिवस में शामिल होने हेतु रवाना हुई थी। कुछ दिन तक वहां रहने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे वापस गांव लाकर कई अस्पतालों में दाखिल करवाया गया, लेकिन उसकी हालत नहीं सुधरी। आखिर उसे पीजीआइ चंडीगढ़ एडमिट करवा दिया गया। जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। किसान नेता बलदेव सिंह उभिया व सरपंच के पति जगतार सिंह ने कहा कि किसान महिला की कुर्बानी को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा व एक परिजन को नौकरी की मांग की।
उधर, कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर स्थानीय रेलवे स्टेशन पर किसान संगठनों का चल रहा धरना 184वें दिन जारी रहा। इसमें केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसानों द्वारा काले कानून रद करने की मांग की। किसान नेता जरनैल सिंह, जगदेव सिंह, सतनाम सिंह आदि ने तीनों कानून रद करने, किसान नेताओं व नौजवानों पर किए झूठे पर्चे रद करने, गेहूं की खरीद व पेमेंट एफसीआइ के जरिए करने के फैसले को वापस लेने की मांग की। कहा फसल की कटाई के बाद दोबारा फिर पुरुष मोर्चो को संभालेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक काले कानून रद नहीं होते तब तक संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके जसविदर कौर, जश्नदीप कौर, हरजिदर सिंह, बलजीत सिंह, सतविदर सिंह आदि उपस्थित थे।