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नहीं देखने को मिली लंबी कतारें, शांतिमयपूर्वक हुआ मतदान

संगरूर लोकसभा चुनावों को लेकर प्रचार दौरान बेशक सभी पार्टियों के रोड़ शो व प्रोग्रामों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा था। एक-दूसरे उम्मीदवार से अधिक इक्ट्ठ करने की दौड़ लगी हुई थी व एक दूसरे के रोड़ शो छोटे करने का सिलसिला भी चला था व गांवों में विरोधी पार्टी के नेताओं से सवाल पूछने व काली झंडियां दिखाकर उम्मीदवारों को भगाने के मामले भी सामने आए थे

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:05 PM (IST)
नहीं देखने को मिली लंबी कतारें, शांतिमयपूर्वक हुआ मतदान
नहीं देखने को मिली लंबी कतारें, शांतिमयपूर्वक हुआ मतदान

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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लोकसभा चुनाव के मतदान के लिए शहरों व गांवों में भी माहौल बेहद चहल-पहल वाला रहा। लोग अपने घरों से निकलकर पोलिग बूथ तक पहुंचे व उत्साह से मतदान किया। सुबह से ही लोग ने कतारों में लगकर मतदान किया। लोकसभा हलका संगरूर में शांतिमय ढंग से मतदान प्रक्रिया चली, संगरूर के सुनाम विधानसभा हलका अधीन ईलवाल में कांग्रेस के ही दो गुटों में आपस में झड़प में तीन व्यक्ति घायल हुए, लेकिन इसके अलावा बाकी जगहों पर माहौल शांतिमय रहा। शहरों व गांवों में मतदान का कार्य बेहद सरल तरीके से चला। रविवार को चुनावों के समय संगरूर के नजदीकी गांवों में पार्टी वर्कर व नेता पोलिग बूथों पर बैठने की बजाए अपने साधनों पर वोटरों को पोलिग बूथों तक लाने व ले जाने में जुटे रहे व किसी तरह का आपसी टकराव देखने को नहीं मिला। कई जगहों पर ऑटो या गाड़ियों के माध्यम से वोटरों को पोलिग स्टेशनों तक लाने का प्रबंध किया गया, लेकिन इन वोटरों को पोलिग स्टेशन से कुछ दूरी तक ही उतारा जा रहा था। इन चुनावों में खास यह भी रहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा मैं हां आम आदमी का संदेश देने वाली टोपियां भी कम ही दिखाई दी, जबकि गले में डालने वाले मफलर की गिनती भी नाममात्र रही, झंडे, बैनर व झंड़ियों को अधिक तवज्जों दिया गया। कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी को टक्कर देने के लिए बच्चों की टोपियां व झंड़े थमा दिए, जो पार्टी का प्रचार करते हुए गांवों में दौड़ते दिखाई दिए। एक ही जगह लगे मिले सभी पार्टियों के बूथ

सियासी मंच पर बेशक कांग्रेस, अकाली-भाजपा, आम आदमी पार्टी व अन्य दलों के कार्यकर्ता एक दूसरे से भिड़ते दिखाई देते हैं, लेकिन गांवों में मतदान के दिन ग्रामीणों ने एक जुटता का सुबूत पेश करते हुए एक ही जगह पर पास-पास पार्टी बूथ लगाकर बैठे मिलेंगे। गांव थलेसां, पुन्नावास, कांझला, बड़रुखां में जहां सभी पार्टियों के बूथ एक ही जगह पर दिखाई दिए, वहीं शहर में आम आदमी पार्टी के बूथ कम ही दिखाई दिए। लोकसभा क्षेत्र संगरूर से पीडीए के उम्मीदवार जस्सी जसराज के पोलिग बूथ अधिकतर गांवों में दिखाई नहीं दिए, कितु फिर भी अलायंस में शामिल बसपा व सीपीआई के वर्करों ने गांवों में वोटें प्राप्त करने के लिए अन्य पार्टियों के पोलिग बूथों के साथ-साथ अपने पोस्टर व केवल झंडे लगाए हुए थे। यह दृश्य गांव लिद्दड़ां में देखने को मिला।

सिमरनजीत सिंह मान के प्रचार बूथ भी देखने को मिले

सिमरनजीत सिंह मान बेशक पिछला 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़े व उन्होंने किसी पार्टी को हिमायत नहीं दी थी, कितु इस बार उन्हें अपनी चुनाव मुहिम को फिर से तेजी दिखाई। उनका समूचा परिवार क्षेत्र के गांवों व शहरों के वार्डों में उनका प्रचार करते रहे थे। इस प्रचार की प्रभाव यह रहा कि उनके पोलिग बूथ लगभग सभी गांवों में लगे हुए थे। संगरूर शहर में लगे आप के नाममात्र बूथ

संगरूर शहर का दौरा करने पर पाया कि अकाली-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस पार्टी के हर जगह पर प्रचार बूथ लगे हुए थे, उसके मुकाबले आम आदमी पार्टी के केवल पुलिस लाइन, शाही समाध सहित तीन चार जगहों पर प्रचार बूथ लगे नजर आए। गांवों में आम आदमी पार्टी के शहरों की अपेक्षा अधिक दिखाई दिए। नहीं देखने को मिली लंबी कतारें रविवार को लोकसभा चुनाव के दौरान सुबह बेशक मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखने को मिली, लेकिन दोपहर से पहले ही भीड़ हट गई। फिर पोलिग स्टेशनों पर बेहद सरलता से मतदान प्रक्रिया दिखाई दी। कई गांवों में पोलिग स्टेशनों पर सन्नाटा सा पसरा रहा। दो-दो, चार-चार व्यक्ति आते जाते दिखाई दिए। इस बार 24 हजार के करीब नौजवान वोट बनाए गए। युवाओं में अन्य वोटरों के मुकाबले अधिक रुझान रहा। विधायक गोल्डी के गांव में नहीं लगा आप का बूथ

विधानसभा क्षेत्र धूरी के गांव पुन्नांवाल एक ऐसा गांव था, जहां आम आदमी पार्टी का बूथ नहीं लगा। केवल एक टेंपू लाकर मान के हिमायतियों द्वारा अन्य प्रचार बूथों से दूर खड़ा कर दिया गया। जब इसका कारण पूछा गया तो एक व्यक्ति ने बताया कि गोल्डी का गांव में दबदबा अधिक है। भगवंत मान के हिमायती इस गांव में बहुत हैं कितु कोई भी व्यक्ति टकराव में नहीं आना चाहता। यही कारण है कि उसका पोलिग बूथ गांव में नहीं लग सका। रविवार सुबह 9 बजे कुछ नौजवान आए थे व यह टेंपू खड़ा करके चले गए।

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