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टॉपर बच्चों की सफलता में माओं का बड़ा योगदान, देती थीं दिन में 10 से 12 घंटे

संगरूर बुधवार को सीबीएससी ने दसवीं को नतीजा घोषित किया जिसमें शहर के बच्चे अच्छा प्रदर्शन किए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 10:39 PM (IST)
टॉपर बच्चों की सफलता में माओं का बड़ा योगदान, देती थीं दिन में 10 से 12 घंटे
टॉपर बच्चों की सफलता में माओं का बड़ा योगदान, देती थीं दिन में 10 से 12 घंटे

सुखदेव सिंह पवार, संगरूर

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बुधवार को सीबीएससी ने दसवीं को नतीजा घोषित किया जिसमें शहर के छात्रों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। छात्रों ने जो मेहनत कर टॉप किया वह काबिल-ए-तारीफ है। यह कहना गलत न होगा कि छात्रों की इस मेहनत के पीछे उनकी मांओं का हाथ सबसे अधिक है। क्यों कि बच्चे के सुबह उठने, स्कूल जाने, ट्यूशन जाने, उसके खाने सब चीजों का ध्यान मां ही रखती है। उसकी पलानर, डॉक्टर, डायटीशियन, मोटीवेटर सब वही होती है। बच्चा अगर छह घंटे पढ़ता है तो उसके पीछे मां को अपने 10 से 12 घंटे बच्चे को देने पड़ते हैं। उसकी उपलब्धि सीधे मां के त्याग से जुड़ी होती है। मां ने जहां एक तरफ रसोई का जिम्मा उठाना होता है वहीं इम्तहान में दिन रात एक करके बच्चे के लिए अच्छी तैयारी का भी ध्यान रखना होता है। मां के इसी बलिदान व बच्चे की मेहनत का फल होता है नतीजों में हासिल किए गए बच्चे के अच्छे अंक। जिस दिन बच्चा अच्छे अंक लेकर पास होता है बच्चे से अधिक खुशी तो मां को होती है। यही कहना है दसवीं में टॉप कर चुके छात्रों की मांओं का।

जब भी बेटे से बात होती थी उसे हौसला ही बंधाती थी : ऋतू

गुरु कुल नीलोखेड़ी में पढने वाले अधर्व जिदल जिसने दसवीं के सीबीएससी के नतीजों में 93 फीसदी अंक हासिल किए हैं की माता ऋतु ने बताया कि उनका बेटा हॉस्टल में पढ़ता है। जब भी बेटे के साथ बात होती थी तो वह उसको कहती थी कि वह हर पल उसके साथ है बस ध्यान लगा कर पढाई करता रहे। वह अधर्व को हर रविवार कहती थी कि पेपरों की तैयारी के दिनों में खाने पीने, खेलने व नींद का खास ख्याल रखे। जब भी बेटे से बात होती थी तो वह उसे खूब हौसला देती थी। बेटे को उसके पिता अंकुर जिदल, दादा वीरेन्द्र जिदल, दादी राज रानी जिदल व भाई उदय जिदल भी प्रेरित करते रहते थे। बच्चों से अधिक वह खुश हैं।

बेटे पर पेपरों की तैयारी के लिए दवाब नहीं बनाया: रणवीर कौर

स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल के छात्र जावनप्रीत सिंह जिसने 94 फीसदी अंक हासिल किए है की माता रणवीर कौर ने कहा कि उसने उन्होंने बेटे को सदा दोस्त के नाते ही प्रेरित किया है। कभी भी पढ़ाई व परीक्षा की तैयारी के लिए दवाब नहीं बनाया। वह पैपरों से पहले व पैपरों के दौरान बेटे को सादा खाना देती थीं व उसके आराम का खास ख्याल रखती थी। कमरे में साफ सफाई व शांती बनी रही यही कोशिश करती थीं। जिससे बेटे की पढाई की तरफ एकाग्रता बही रहे। बेटे की पढाई में उसके पापा धनवंत सिंह, दादा रघवीर सिंह व मासी कर्मजीत कौर गनी भी साथ देते हैं।

बाहर का कुछ नहीं खाने दिया:पुष्पा शर्मा

स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल के प्रद्यूमन शर्मा जिसने 91.4 फीसदी अंक हासिल किए की माता पुष्पा शर्मा ने कहा कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान व पैपरों में बच्चों को बाहर का खाना खाने को बिल्कुल भी नहीं दिया। उनकी सारा दिन बेटे पर ही नजर रहती थी। बेटे के लिए सुबह चार बजे जग जाती थी। भगवान से भी प्रार्थना करती थी कि उनके बेटे के अच्छे अंक आएं। रात को सोने के बाद ही सोती थीं। वह बच्चों के सोने, जागने, खाने, पीने, खेलने सहित अन्य गतिविधियों पर पूरी नजर रखती थीं कि कहीं गलती से भी उनको चोट वगैरा न लग जाए। आज उनकी व बेटे की मेहनत रंग लाई है। बेटे की पढाई में उनके पति राम कुमार व ससुर प्रितपाल शर्मा भी सहयोग देते हैं।


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