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जच्चा बच्चा के लिए सरकारी अस्पताल बना वरदान

बरनाला कोरोना की दहशत के बीच जहां पंजाब में सिजेरियन डिलिवरी की संख्या में तेजी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 04:05 PM (IST)
जच्चा बच्चा के लिए सरकारी अस्पताल बना वरदान
जच्चा बच्चा के लिए सरकारी अस्पताल बना वरदान

हेमंत राजू, बरनाला :

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कोरोना की दहशत के बीच जहां पंजाब में सिजेरियन डिलीवरी की संख्या में कमी आने की सूचनाएं मिल रही हैं व सरकारी व निजी अस्पतालों के गायनी डॉक्टर भी नार्मल डिलीवरी प्रक्रिया को ही अपनाने पर जोर देने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा सकता है कि सिजेरियन के बाद जच्चा-बच्चा को कुछ दिन के लिए अस्पताल में ही निगरानी के लिए रखा जाता है, जबकि नार्मल डिलीवरी के एक दिन बाद ही घर भेज देते हैं। वहीं इसका दूसरा कारण यह भी देखने को मिल रहा है कि सेहत विभाग के पास स्टाफ की कमी है, एएनएम व अन्य नर्स सभी कोरोना से निपटने में व्यस्त हैं। परंतु सिविल अस्पताल बरनाला में कोरोना की परवाह किए बिना सिविल की तीन महिला गायनी डॉक्टर सेवाएं दे रही हैं। जिले के निजी अस्पताल बंद होने के कारण सिविल अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की संख्या में तेजी आ रही है, वहीं रोजाना किए जा रहे औसतन नार्मल डिलिवरी केस के मुकाबले करीब छह गुना की संख्या बढ़ने से औसतन प्रतिदिन 20 केस जच्चा बच्चा किए जा रहे है, जिसमें 12 से 15 नार्मल व 4 से 5 सिजेरियन हो रहे है।

जिले के सिविल और निजी अस्पतालों में बीस मार्च से पहले औसतन तीन सिजेरियन हो रहे थे और औसतन 10 से 12 नार्मल डिलीवरी केस थे। परंतु पंजाब में क‌र्फ्यू के बाद से अब तक रोजाना करीब 5 औसतन सिजेरियन हो रहे हैं और औसतन 15 नार्मल डिलिवरी हो रहे हैं। यानि सिजेरियन व नॉर्मल डिलीवरी में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आई है व निजी अस्पताल बंद होने के कारण संख्या औसतन मुकाबले बढ़ गई है।  

गायनी डॉक्टर ईशा गुप्ता ने बताया कि सभी लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव रखना चाहिए। सामान्य ओपीडी या छोटी समस्या के लिए अस्पताल में ना आए व केवल आपातकाल के लिए सिविल अस्पताल में आएं। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल जच्चा बच्चा में कोई सामान्य व रूटीन का चेकअप नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मदद के लिए पैरामेडिकल स्टाफ दिन रात सेवाएं दे रहा है। हम अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे है व मरीजों की देखभाल कर रहे है।

गायनी डॉक्टर हिमानी शर्मा ने बताया कि कल रायकोट से 2 सिजेरियन केस आए है, जिनका मंगलवार को इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर अपने घरों में परिवार को छोड़ कर दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे है, ऐसे में लोगों को उनका सहयोग देना चाहिए व जैसे डॉक्टर सहयोग मांगते है, करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल बरनाला में बरनाला, संगरुर, लुधियाना, बठिडा, मानसा सहित अन्य जिलों के जच्चा बच्चा मरीज भी पहुंच रहे है। ऐसे में मरीजों के परिजनों को ड्यूटी कर रहे सेहत कर्मियों व डॉक्टरों का हौसलाअफजाई करना चाहिए।

गायनी डॉक्टर गगनदीप कौर ने बताया कि उनकी तरफ से एक डॉक्टर का कर्तव्य निभाया जा रहा है। उनका स्टाफ उनका पूर्ण सहयोग दे रहा है व इस महामारी में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से अपनी सेवाएं जारी रखी जाएगी व किसी को भी परेशानी नहीं आने देंगे।

गौर हो कि सिविल अस्पताल बरनाला में गायनी डॉक्टरों द्वारा बिना सेफ्टी किट मरीजों का इलाज किया जा रहा है व कोरोना संक्रमण को देखते सेहत विभाग द्वारा उनकी सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किए है। इस संबंध में सीएमओ डॉक्टर जीबी सिंह ने कहा कि उनकी तरफ से जिन डॉक्टरों को पीपीई और हैजमेट किट देनी थी, दी जा चुकी है।


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