सात दशकों से हिन्दू मुस्लिम सिख एकता की पहचान बना रियासती शहर मालेरकोटला
विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे ही सभी राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने चुनावी माहौल को गरमाया हुआ है।
मनीष वर्मा, मालेरकोटला
विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे ही सभी राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने चुनावी माहौल को गरमाया हुआ है। पिछले एक-दो दिनों से एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा दिए गए बयान से पूरे पंजाब में चर्चा का विषय बने मालेरकोटला को एक नया रूप दे दिया है। सियासी मंच पर वोट बटोरने के लिए चाहे कुछ भी कहे, कितु मालेरकोटला की आम जनता इन सबसे बेखबर अपने काम धंधे में जहां व्यस्त है, वहीं सभी धर्मों में आपसी सद्भावना बनी रहे इसमें ही विश्वास रखते है। धार्मिक भावनाओं जैसे मुद्दों पर छिड़ी चर्चा के बाद आज दैनिक जागरण की टीम ने शहर में जनसाधारण लोगों से इस मुद्दे पर बातचीत की। उनके मन की बात जानने का प्रयास किया। आम दुकानदारों, गुरुद्वारों, मंदिर, मस्जिद से जुड़े आम लोगों से जब बातचीत की गई तो सभी का लगभग एक ही विचार था कि देश की स्वतंत्रता के बाद से अब तक यह शहर एक गुलदस्ते की तरह रहा है, जिसमें हिदू, मुस्लिम, सिख चेहरों के अलग अलग फूल है।
ग्रंथी भाई नरिदर पल सिंह, महंत सुरूप चंद कौशिक, आम दुकानदार मोहम्मद शमशाद, कर्मचंद गोयल, साजिद गोरा जैसे लोगों ने कहा कि मालेरकोरला के सभी धर्मों के लोग एक थे व एक रहेंगे। हम लोग आज भी अपनी ईद व दीपावली एक साथ मनाते हैं व मनाते रखेंगे। राजनेता कुछ भी कहें इन बातों का आम लोगों पर कोई असर नही है। मालेरकोटला शहर आपसी सद्भावना के लिए हमेशा पहचाना जाता रहेगा। रविवार को बारिश के मौसम में चाय की दुकानों पर हिदू मुस्लिम को एक साथ बैठे चाय की चुस्कियां लेते नजर आए। सभी एक ही बात दोहरा रहे थे कि हम एक हैं व एक रहेंगे।