कर्फ्यू खुलने से स्वर्ग सिधार गए लोगों के खुले मोक्ष मार्ग
संगरूर कर्फ्यू के कारण मृत्यु के बाद भी मोक्ष को तरस रहे मृतकों को अब मोक्ष की प्राप्ति होने का रास्ता साफ।
सुखदेव पवार, संगरूर :
कर्फ्यू के कारण मृत्यु के बाद भी मोक्ष को तरस रहे मृतकों को अब मोक्ष की प्राप्ति होने का रास्ता साफ हो गया है। लोग अब अपने मृतक परिजन की अस्थियां हरिद्वार या अन्य स्थल पर विसर्जन कर सकेंगे, लेकिन हरिद्वार जाने के लिए लोगों को अभी भी प्रशासन से पास अवश्य लेना होगा, क्योंकि उन्हें अन्य राज्य में दाखिल होने के लिए इसकी मंजूरी की जरूरत पड़ेगी। साथ ही अब अस्थियां विसर्जन करने के लिए अब मात्र तीन ही व्यक्ति जा पाएंगे। इनसे अधिक व्यक्तियों को जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। लोग अपने निजी वाहन या टैक्सी के माध्यम से अस्थियां विसर्जित करने के लिए जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है संगरूर में कर्फ्यू के दौरान सौ व्यक्तियों की मौत हुई। कर्फ्यू के शुरुआती समय से ही शमशानघाट के अस्थियों के कमरे में अस्थियों के ढेर लगने लगे। कुछ लोग कर्फ्यू के समय दौरान भी प्रशासन की मंजूरी से अस्थियां विसर्जित करने के लिए जाते रहे, लेकिन अधिकतर लोगों ने कर्फ्यू के बाद ही अस्थियां विसर्जित करने का फैसला लिया था, जिस कारण अस्थियों के ढेर लग गए थे। शमशानघाट संगरूर के प्रतिनिधि सुरिदर सिंह ने बताया कि शहर में करीब सौ मौत होने पर सौ शव संस्कार के लिए शमशानघाट में पहुंचे। मार्च से अब तक अस्थियां शमशानघाट में रखी हुई थी। गिनती बढ़ने के कारण अस्थियों के लॉकर रूम भी भर गया था। बीच में लोग अस्थियां विसर्जित करने के लिए ले जाते रहे थे। अब भी शमशानघाट में 22 मृतकों की अस्थियां रखी हुई है। 25 दिन बाद मिला अस्थि विसर्जन का मौका
संगरूर दियाल दास ने बताया कि उनके पिता मेघराज शर्मा का निधन अप्रैल माह के दौरान हुआ था। कर्फ्यू के कारण वह अस्थि विसर्जन नहीं करने जा पाए तो उन्होंने अस्थियां शमशान घाट में ही सुरक्षित रख दी। आत्मिक शांति हेतु भी घर के सदस्यों ने ही घर पर हवन करवा था। पिछले सप्ताह ही वह 25 दिन बाद पिता की अस्थियां विसर्जित करने में सफल हुए हैं। कुछ दिन बाद जाएंगे हरिद्वार
संगरूर निवासी रोशन लाल गर्ग ने बताया कि उनकी पत्नी की 5 मई को निधन हो गया था। वह अस्थियां विसर्जित करने नहीं जा पाए। कुछ दिन बाद इसी सप्ताह में अस्थियां लेकर हरिद्वार जाएंगे। अभी हरिद्वार में अस्थियां विसर्जित करने वालों की भीड़ उमड़ रही होगी। कुछ दिन बाद जाएंगे, ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो। अभी उन्होंने कोई पास अप्लाई नहीं किया है। सेवा केंद्र के कांउटर नंबर-15 पर बनवाएं पास
बेशक कर्फ्यू समाप्त होने के बाद एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए किसी प्रकार के पास की जरूरत नहीं है, लेकिन राज्य से बाहर जाने के लिए पास की जरूरत पड़ेगी। नायब तहसीलदार केके मित्तल ने बताया कि अर्थी विसर्जन के लिए हरिद्वार जाने वाले व्यक्ति को सेवा केंद्र के काउंटर नंबर-15 पर से अपना पास बनवाना होगा। मात्र तीन लोग ही इस पास पर अस्थि विसर्जन के लिए जा पाएंगे। अन्य राज्य में दाखिल होने के लिए पास की जरूरत पड़ेगा। लोगों को शारीरिक दूरी, मास्क पहनने के नियम का पालन अवश्य करना होगा।