दो घड़ी के संकल्प का नाम है समायक : नरेश मुनि
दो घड़ी के संकल्प का नाम समायक है। यह बात स्थानीय एसएस जैन सभा के प्रवचन हाल में धर्म सभा को संबोधित करते संघ शास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य संघ संचालक मनोहर व्याख्याणि नरेश मुनि महाराज ने कहीं।
संवाद सूत्र, संगरूर : दो घड़ी के संकल्प का नाम समायक है। यह बात स्थानीय एसएस जैन सभा के प्रवचन हाल में धर्म सभा को संबोधित करते संघ शास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य संघ संचालक मनोहर व्याख्याणी नरेश मुनि महाराज ने कहीं। मुनि ने समायक दिवस के अवसर पर श्रद्धालुओं को समझाया कि सावधानी समायक है। हमें हर कार्य बेहद सावधानी से करना होगा। हर जैन चाहे वह श्वेतांबर हो स्थानक वासी हैं। मंदिर मार्गीय हों इन सबके लिए समायक आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आपके भीतर जो भी बुराईयां हैं वह हमारे पास ही छोड़ दें। हम आपकी बुराईयों को छुड़वाने के लिए ही आएं हैं। मुनि ने सुनाम संघ संबंधी कहा कि यह संघ गुरु सुदर्शन द्वारा दिए गए मार्ग पर चलकर फल फूल रहा है और यह समायकों के ठाठ भी उन्हीं गुरुदेवों के आशीर्वाद से हो रही है। समाज की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज जैन समाज जो सम्मान हमें दे रहा है यह सब गुरुदेवों का सम्मान है। मेरे अपने में तो अपनी कमियां हैं बाकी जो कुछ भी मेरे अंदर है उसमें सब कुछ गुरुओं का है।
कुशल वक्ता मुकेश मुनि ने कहा कि हमें नित्य नियम का चाव हो, गुरु सेवा का भाव होना चाहिए। हम मिट्टी से ही पैदा हुए और मिट्टी में ही मिल जाना है तो फिर घमंड किस बात का करते हैं। हमारे विचार सुलझे हुए होने चाहिए। सुलझे हुए विचार ही परमात्मा का रूप हैं। हमारे बोलने से पहले शब्द हमारे हैं लेकिन हमारे ही शब्द बोलने के बाद दूसरों के हो जाते हैं। इसलिए हमें सोच समझकर ही बोलना होगा। धर्म सभा में जहां हरियाणा, होशियारपुर, लुधियाना, संगरूर, लहरा, धूरी, लोंगोवाल से सभी धर्म प्रेमी बंधु पहुंचे हुए थे। वहीं स्लाइट लोंगोवाल के डायरेक्टर डॉ. शैलेंद्र जैन भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे। जैन धर्म द्वारा हजारों वर्ष पहले कही बातों को विज्ञान भी मानने लगा है हमें धर्म गुरुओं द्वारा दिखाए मार्ग पर चलना होगा।