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संगरूर में काटे दशकों पुराने पेड़ों का मसला मुख्य सचिव समक्ष पहुंचा

प्राचीन महाकाली देवी मंदिर के समक्ष रोड को चौड़ा करने की खातिर सड़क के दोनों तरफ लगे पांच से आठ दशक पुराने विशालकाया हरे-भरे पेड़ों को कांटने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 10:49 PM (IST)
संगरूर में काटे दशकों पुराने पेड़ों का मसला मुख्य सचिव समक्ष पहुंचा
संगरूर में काटे दशकों पुराने पेड़ों का मसला मुख्य सचिव समक्ष पहुंचा

जागरण संवाददाता, संगरूर : प्राचीन महाकाली देवी मंदिर के समक्ष रोड को चौड़ा करने की खातिर सड़क के दोनों तरफ लगे पांच से आठ दशक पुराने विशालकाया हरे-भरे पेड़ों को कांटने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए बेशक वातावारण प्रेमी और शहर निवासी कई बार कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला से लेकर प्रशासन व संबंधित विभागों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लग पाई है। लिहाजा वातावरण प्रेमी व शहर निवासी जसइंद्र कौर सेखों ने मुख्य सचिव पंजाब विन्नी महाजन से इस मामले पर कार्रवाई करने की अपील की है, ताकि बाकी बचे पेड़ों को बचाया जा सके। गौर हो कि कांट-छांट के नाम पर पेड़ों को काट दिया गया है, जिससे शहर निवासियों व वातावरण प्रेमियों में भारी रोष पाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि लोकनिर्माण मंत्री विजयइंद्र सिगला के शहर संगरूर में मुख्य मार्गों से शहर के भीतर आने वाले सभी प्रमुख रास्तों को फोरलेन बनाया जा रहा है। शहर के वाल्मीकि चौक से स्टेडियम रोड तक के रास्ते को भी बहुमार्गीय बनाने का काम जारी है। प्राचीन महाकाली देवी मंदिर के समक्ष रोड के दोनों तरफ दशकों पुराने पेड़ मौजूद थे, जिनके समीप ही फुटपाथ भी बनी हुई थी। लेकिन अब दीवार से सटे विशालकाया पेड़ों को भी काट दिया गया है। लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर) ने नगर कौंसिल से 27 पेड़ों की कांट-छांट करने की मंजूरी ली थी, ताकि सड़क के दोनों तरफ लगने वाले बिजली के खंभों को सही करके लगाया जा सकें। मगर विकास के इस नाम पर हरे-भरे पेड़ों के तने काट दिए गए। पीपल, बोहड़, नीम सहित अन्य पर्यावरण को बचाने वाले पेड़ों को भी काट दिया गया।

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रोड के निर्माण में रुकावट नहीं बन रहे थे पेड़

वातावरण प्रेमी जसइंद्र कौर सेखों ने कहा कि हरे-भरे विशाल पेड़ इस रोड के दोनों तरफ दीवारों के साथ सटे हुए थे, जिनका रोड के निर्माण में कोई रुकावट नहीं आ रही थी। इन पेड़ों को काट दिया गया व अब केवल कुछ फीट के तने ही बाकी रह गए हैं। यह मुद्दे कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला के समक्ष भी रखा, लेकिन फिर भी पेड़ों को काटने का सिलसिला बंद नहीं हुआ। दो दिन पहले ही तीन विशालकाया पीपल के पेड़ों को काटा गया है। संबंधित विभाग व कैबिनेट मंत्री से कोई राहत की उम्मीद दिखाई नहीं दी, जिसके बाद उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया है और साथ ही मुख्य सचिव पंजाब को पत्र लिखकर इस मामले पर तुरंत संज्ञान देने की अपील की है। शहर निवासियों की तरफ से मांग की गई है कि पेड़ों की इस कटाई को तुरंत रोका जाए। साथ ही पेड़ों की कटाई करने वाले संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में वातावरण से इस प्रकार का खिलवाड़ न हो सके।

विभाग ने नियमों के तहत पेड़ों की कांट-छाट की : एसडीओ

लोक निर्माण विभाग के एसडीओ अजय गर्ग ने कहा कि महाकाली देवी मंदिर के समक्ष रोड को चौड़ा करने का कामकाज जारी है। बिजली के खंभों को सड़क के किनारों पर शिफ्ट किया जाना है, जिसके लिए बिजली के खंभों पर तारे डाली जानी है। इसके चलते पेड़ों की कांट-छांट की गई है। पेड़ों को जड़ से नहीं काटा गया है। विभाग द्वारा पूरे नियमों व कायदे कानूनों को ध्यान में रखते हुए कांट-छांट की गई है। साथ ही वातावरण को नुकसान न हो, इसलिए सड़क के दोनों तरफ बाद में पौधे भी लगाए जाएंगे।


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