बच्चों को शिक्षा से रोशन कर रही समाज सेवा सोसायटी
बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए बेहतर शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के दावे कर रही है लेकिन आज भी समाज में ऐसे अनेक बच्चे मौजूद हैं
मनदीप कुमार, संगरूर :
भले ही सरकारें बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए बेहतर शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के दावे कर रही है, लेकिन आज भी समाज में ऐसे अनेक बच्चे मौजूद हैं, जिनकी पढ़ाई परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण अधर में है। कितु ऐसे बच्चों के लिए अहमदगढ़ की समाज सेवा सोसायटी एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। सोसायटी इलाके के 111 जरूरतमंद परिवारों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च खुद उठा रही है, ताकि परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति इन बच्चों की पढ़ाई में रुकावट न बने।
सोसायटी के सदस्यों द्वारा इन बच्चों की पढ़ाई पर प्रति वर्ष सवा दो लाख रुपये की राशि से इनकी स्कूल फीस अदा की जाती है। इतना ही नहीं, बच्चों को स्टेशनरी व वर्दी सहित अन्य खर्च भी अलग तौर पर उठाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि अहमदगढ़ की समाज सेवा सोसायटी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। जरूरतमंदों की मदद के लिए यह हमेशा तैयार रहते हैं और अपने समाजसेवी कार्यों में सोसायटी ने जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का जिम्मा भी संभाला है।
सोसायटी के प्रधान रछपाल सिंह, खजांची अरुण शैली, उपप्रधान कुलविदर सिंह, चेयरमैन जसपाल सिंह ने बताया कि शुरूआत में संस्था के सदस्य अपने स्तर पर आसपास के जरूरतमंद बच्चों की स्कूल फीस अपनी तरफ से अदा करते थे, ताकि बच्चे की पढ़ाई निर्विघ्न चल सके। फिर इन बच्चों की शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए समाज सेवा सोसायटी संस्था का गठन किया गया, जिसकी बदौलत अब इलाके के एक सौ ग्यारह बच्चे संस्था के अधीन क्षेत्र के चार निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इस्लामिया स्कूल, खालसा स्कूल अहमदगढ़, दयानंद आदर्श महाविद्यालय व जैन स्कूल अहमदगढ़ के प्रबंधकों द्वारा ही स्कूल के जरूरतमंद बच्चों की सूचि संस्था को दी जाती है। इस सूचि को संस्था द्वारा अपने स्तर पर पड़ताल की जाती है तथा फिर जरूरतमंद बच्चों की स्कूल फीस संस्था द्वारा खुद स्कूल को अदा की जाती है। इसका करीब सवा दो लाख रुपये वार्षिक का खर्च संस्था उठा रही है। अगले वर्ष और बढ़ाएंगे मदद का दायरा
संस्था के प्रधान रछपाल सिंह ने कहा कि संस्था द्वारा अगले वर्ष नए सेशन से बच्चों की मदद का दायरा और बढ़ाया जाएगा। संस्था द्वारा चंद बच्चों की मदद से शुरूआत की थी, जिसका दायरा अब तक 111 बच्चों तक पहुंच गया है।
बच्चों की पढ़ाई का खर्च मिलने से परिवारों को काफी राहत मिली है, क्योंकि फीस अदा करने से असमर्थ परिवार बच्चों की पढ़ाई अधर में रोकने के लिए विवश थे। कितु जैसे ही संस्था को इन जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में पेश आ रही दिक्कत का पता चला तो संस्था ने बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाना आरंभ किया, जिसके बाद धीरे-धीरे दायरा एक सौ का आंकड़ा पार कर पहुंच गया। बच्चों को शिक्षित बनाने से बडा़ नहीं कोई नेक कार्य
खजांची अरुण शैली ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति अंधेरे में रोशनी की किरण की भांति है। शिक्षित व्यक्ति ही समाज को नई दिशा प्रदान कर सकता है व अपने परिवार का गुजारा करने में सक्षम बन सकता है। इसलिए हर बच्चे को शिक्षा मुहैया करवाना बेहद जरूरी है, ताकि वह अपने परिवार का सहारा बन सके। इलाके में कई ऐसे बच्चे हैं, जिनके परिवार उन्हें निजी स्कूल में पढ़ाने पर फीस अदा नहीं कर सकते। ऐसे बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए संस्था हर व्यक्त तैयार है। यह बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल करके अपने परिवार व स्कूल का नाम भी रोशन कर रहे हैं। अन्य लोगों को भी ऐसे कार्य के लिए मदद देने में आगे आना चाहिए। परिवारों का सहारा बनी संस्था
जरूरतमंद बच्चों के परिजनों द्वारा भी संस्था के इस प्रयास की भरपूर प्रशंसा की जा रही है। हर माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना चाहता है, लेकिन परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति बच्चों के सपनों को पूरा करने में रुकावट बन जाती है, लेकिन इन बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए समाज सेवा सोसायटी बड़ा सहारा बन रही है। बच्चे-बच्चे को शिक्षित करने का करें प्रयास : दीपक शर्मा
समाजसेवी निवसी दीपक शर्मा ने सुशिक्षित समाज के निर्माण की खातिर हर व्यक्ति से अपील की कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षित बनाया जाना चाहिए, ताकि समाज तरक्की कर सके। केरल के मुकाबले पंजाब की साक्षरता दर काफी कम है, जिसे सुधारने के लिए केवल सरकारों को ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए। बच्चों को पढ़ाने में आर्थिक तौर पर मदद प्रदान करें। समाज सेवा सोसायटी प्रशंसनीय कार्य कर रही है, जिसकी बदौलत इलाके के एक सौ से अधिक बच्चे मुफ्त शिक्षा हासिल कर रहे हैं।