घग्गर के किनारे काटी कालोनी, बाढ़ से खतरे की आशंका
जागरण संवाददाता संगरूर खनौरी इलाके में से गुजरती घग्गर दरिया व घग्गर ब्रैंड-66 के पास बैठक की।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
खनौरी इलाके में से गुजरती घग्गर दरिया व घग्गर ब्रैंड-66 के पास काटी गई 25 कनाल रकबे की कालोनी विवादों में आ गई है। नगर पंचायत खनौरी के पूर्व प्रधान मोती लाल छाछियां व नगर पंचायत खनौरी के मौजूदा सीनियर उपप्रधान गुरमीत सिंह गोगियां ने कहा कि इस अन अधिकृत कालोनी को पुरानी कालोनी दिखाकर नगर पंचायत ने इसे मंजूर करवा दिया है, जबकि घग्गर के नजदीक कोई कालोनी नहीं काटी जा सकती। साथ ही अगर भविष्य में कभी बाढ़ की स्थिति बनती है तो इस कालोनी के लोगों को जान-माल का नुकसान हो सकता है। बेशक अदालत ने इस कालोनी संबंधी मामले के निपटारे के लिए डिप्टी डायरेक्टर पटियाला व नगर पंचायत खनौरी को आदेश दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
उन्होंने कहा कि 19 मार्च 2018 को नगर पंचायत से इलाके में अधिकृत करने के लिए कालोनियों की सूचि मांगी गई थी। अगले ही माह नगर पंचायत के कार्यसाधक अफसर ने 12 कालोनियों की सूचि भेजी जिसमें उक्त कालोनी का कोई जिक्र नही है, किंतु इसके बाद नगर पंचायत ने ड्रेनेज विभाग को एनओसी देने के लिए लिखा व एनओसी प्राप्त करके इस कालोनी को पुरानी कालोनी दिखा दिया गया। इस कालोनी की जमीन के लिए बकायदा अस्टाम भी राजपुरा इलाके से खरीदे गए, जबकि खनौरी, तातड़ा सहित अन्य तहसील से भी अस्टाम खरीदे जा सकते थे। नगर पंचायत के तत्कालीन कार्यसाधक अफसर ने पूरी योजनबंदी के साथ इस कालोनी को रेगुलर करवा दिया। इसके खिलाफ गुरमीत सिंह गोगिया ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने स्थानक सरकार के डिप्टी डायरेक्टर को इस मसले के निपटारे के लिए आदेश जारी किए। किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 दौरान घग्गर दरिया में बाढ़ आने के कारण खनौरी का इलाका तहस-नहस हो गया था। नरवाना ब्रांच को काटकर पानी की निकासी की गई थी, जिससे खनौरी इलाके को राहत मिली थी, लेकिन अब कुछ पुंजीपति मिलकर घग्गर के साथ सटी कालोनी काटकर लोगों की जान-माल को दांव पर लगा रहे हैं। अगर भविष्य में बाढ़ का प्रकोप दोबारा आता है तो इसका सीधा असर सबसे पहले कालोनी के निवासियों को भुगतना होगा। अभी तक इस कालोनी में बेशक कोई निर्माण नहीं हो पाया है, लेकिन नगर पंचायत जहां बिजली कनेक्शन, पानी, व सीवरेज लाइन डालने की फिराक में है। साथ ही डिप्टी डायरेक्टर पटियाला ने कथित तौर पर कालोनाइजरों से मिलीभगत करके पंजाब सरकार की नोटिफिकेशन का दुरुपयोग करके इस कालोनी को पास करवाया है। उन्होंने इस मामले में लंबित नगर पंचायत के कार्यसाधक अफसर, डिप्टी डायेरक्टर पटियाला, कालोनी मालिक आदि पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही इस संबंधी शिकायत चीफ डायरेक्टर विजिलेंस
इस संबंधी जब नगर पंचायत मूनक के कार्यसाधक अफसर मुकेश सिगला ने कहा कि वर्ष 2018 दौरान बनते नियमों अनुसार ही इस कालोनी को रेगुलर किया गया है। इससे पहले समय-समय पर ड्रेनेज विभाग से एनओसी की मांग की जाती रही। विभाग ने कुछ दस्तावेज नगर पंचायत से मांग की गई थी, जो विभाग को मुहैया करवाए गए। ड्रेनेज विभाग से एनओसी मिलने के बाद कालोनी को रेगुलर किया गया। नगर पंचायत के दफ्तर से कालोनी संबंधी अहम फाइल गुम पाई गई है। इस संबंधी पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी। उक्त नुमाइंदों द्वारा नगर पंचायत पर लगाए गए मिलीभगत के सभी आरोप बेबुनियाद है।